पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/२४४

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पेणगी पूंजी के परिमाण पर आवर्त काल का प्रभाव २४३ सारणी २ पूंजी १, ६०० पाउंड यावर्त अवधियां कार्य अवधियां पेशगी परिचलन अवधियां 11 1) 17 " 12 17 31 ) " 13 १. १-६ हफ्ते तक २. १०-१८ ३. १६-२७ ४. २८-३६ ५.३७-४५ ६ . ४६-[५४] " १- ६ हफ्ते तक १०-१५ १६-२४ २८-३३ ३७-४२ ४६-५१ ६०० पाउंड ६०० ६०० ६०० ६०० ६०० ७-६ हफ्ते तक १६-१८ २५-२७ ३४-३६ ४३-४५ [५२-५४] " 3 " JJ " 1 " 11 3) " 1) " 11 " 11 अतिरिक्त पूंजी २, ३०० पाउंड यावर्त अवधियां कार्य अवधियां पेशगी परिचलन अवधियां ३०० पाउंड ३०० 13 31 1) )) 11 31 " 71 १. ७-१५ हफ्ते तक २. १६-२४ ३. २५-३३ ४. ३४-४२ ५.४३-५१ ७-६ हफ्ते तक १६-१८ २५-२७ ३४-३६ ४३-४५ 31 ३०० १०-१५ हफ्ते तक १६-२४ २८-३३ ३७-४२ ४६-५१ 13 " 17 13 ३०० " " " " " ३०० .. उत्पादन प्रक्रिया सारे वर्ष एक ही पैमाने पर अविच्छिन्न चालू रहती है। दोनों पूंजियां १ और २ पूर्णतः अलग रहती हैं। किंतु उन्हें अलग दिखाने के लिए हमें उनके वास्तविक प्रतिच्छेदनों और अंतर्ग्रथनों को विच्छिन्न करना पड़ा था और इस तरह आवर्तों की संख्या भी बदलनी पड़ी थी। कारण यह कि उपरोक्त सारणी के अनुसार श्रावर्तित राशियां इस प्रकार होती : पंजी १ द्वारा ६०० का ५२/३ गुना अथवा ३,४०० पाउंड और पूंजी २ द्वारा ३०० का ५ गुना अथवा १,५०० पाउंड अतः कुल पूंजी द्वारा ६०० का ५४/६ गुना अथवा ४,६०० पाउंड । किंतु यह सही नहीं है, क्योंकि जैसा कि हम आगे देखेंगे, उत्पादन और परिचलन की यथार्थ अवधियां उपरिलिखित कार्यक्रम की अवधियों से पूर्णतः मेल नहीं खाती , जिसमें मुख्यतः १ और २ पूंजियों को परस्पर स्वतंत्र दिखाने का प्रश्न था। यथार्थ में पूंजी २ की पूंजी १ से कोई पृथक तथा भिन्न कार्य और परिचलन अवधियां नहीं होती। कार्य अवधि ६ हफ़्ते है और परिचलन अवधि ३ हफ्ते। चूंकि पूंजी २ केवल ३०० पाउंड राशि की ही है, इसलिए वह कार्य अवधि के एक भाग के लिए ही पर्याप्त हो सकती 16.