पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/८५४

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

प्रौद्योगिक पूंजीपति की उत्पत्ति ८५१ हस्तनिर्माण के काल में पूंजीवादी उत्पादन के विकास के साथ-साथ योरप का लोकमत मन्ना और विवेक के अन्तिम अवशेषों को भी तो बैठा था। सभी राष्ट्र हर ऐसे मनाचार की, जिससे पूंजीवादी संचय का काम निकलता था, बक-बढ़कर जंग मार रहे थे। उदाहरण के लिये, सुयोग्य ए. ऐडसन की भोलेपन से भरी रचना-वाणिज्य का इतिहास-पड़िये। उसमें यह घोषणा की गयी है कि यह अंग्रेजों की राजनीतिमता की बड़ी भारी सफलता की कि उप्रेत की संधि पर हस्ताक्षर करने के समय अंग्रेजों ने Asiento Treaty (बासों के व्यापार सम्बन्धी सन्धि) के द्वारा प्रक्रीका और स्पेनी अमरीका के बीच हशियों का व्यापार करने का अधिकार स्पेनवालों से छीन लिया था। इसके पहले केवल अफ्रीका और विटिश बेस्ट इन्सीन के बीच ही वे हब्धियों का व्यापार कर सकते थे। इस संधि के द्वारा इंगलैग को १७४३ तक प्रति वर्ष ४,८०० हब्शी स्पेनी अमरीका भेजने का अधिकार मिल गया। इसके साथ-साथ प्रोष लोग बो चोरी का व्यापार किया करते थे, उसपर भी सरकारी प्रावरण पड़ गया। लिवरपूल बासों के व्यापार से धन कमा-कमाकर मोटा होने लगा। यही उसका माविम संचय का तरीका था। और यहां तक कि मान भी लिवरपूल के "सुप्रतिष्ठित लोग" बासों के व्यापार का प्रशस्ति-गान किया करते हैं। उदाहरण के लिये, पाइकिन की जिस रचना ( १७६५) को हम ऊपर उधृत भी कर चुके हैं, उसमें लिखा है कि वासों का व्यापार "निर्भय साहसिकता की उस भावना से मेल खाता है, जो लिवरपूल के व्यापार का एक विशेष गुण है और जिसकी सहायता से ही लिवरपूल को वर्तमान समृद्धि प्राप्त हुई है। उससे जहाजों को और मल्लाहों को बड़े पैमाने पर काम मिला है और देश के कारखानों के बने सामान की मांग बढ़ी है।" (१० ३३६।) लिवरपूल बासों के व्यापार के लिये १७३० में १५. महाबों को इस्तेमाल करता पां; १७५१ तक उनकी संख्या ५३, १७६० में ७४, १७७० में ९६ और १७९२ में १३२ हो गयी थी। इंगलैस में सूती उद्योग ने बच्चों की दासता का श्रीगणेश किया था, पर संयुक्त राज्य अमरीका में उससे पुराने समाने की न्यूनाधिक पितृसत्तात्मक दासता को एक व्यापारिक शोषण- व्यवस्था में रूपान्तरित कर देने के लिये बढ़ावा मिला। असल में, योरप में मजदूरी पर काम करने वालों की जो छद्म दासता स्थापित हो रही थी, उसके पापार-स्तम्भ के रूप में नयी. दुनिया में विशुद्ध दासता स्थापित करना आवश्यक था।' उत्पादन की पूंजीवादी प्रणाली के "शाश्वत प्राकृतिक नियमों" की स्थापना करने के . . यहां कुछ दयालु व्यक्तियों ने उनको एकदम भुखमरी (absolute famine) की हालत में देखा। इससे भी अधिक भयंकर एक उदाहरण मुझे देखने को मिला था, जब मैं एक संसदीय समिति के सदस्य के रूप में काम कर रहा था... वह यह कि कुछ ही वर्ष पहले लन्दन के एक क्षेत्र के साथ लंकाशायर के एक कारखानेदार का यह समझौता हो गया था कि हर बीस स्वस्थ बच्चों के साथ उसको एक पागल बच्चे को भी अपने यहां नौकर रखना होगा।" 1१७६० में अंग्रेजों द्वारा अधिकृत वेस्ट इण्डीज में हर स्वतंत्र मनुष्य के पीछे दस , फ्रांसीसियों द्वारा अधिकृत वेस्ट इण्डीज में चौदह सौर उच लोगों द्वारा अधिकृत वेस्ट इण्डीज में तेईस दास थे। (Henry Brougham, "An Inquiry into the Colonial Policy of the European Powers" [हेनरी चूषम , 'योरपीय शक्तियों की प्रोपनिवेशिक नीति का विवेचन'], Edinburgh, 1803, बण २, पृ. ७४।) . 54"