८४८ पूंजीवादी उत्पादन . . इसराप लेते जाने के कारण कि सरकार पर गत सारा कर्चा बड़ जाता है और उसकी वजह से करों में बहुत वृद्धि हो जाती है, इसलिये नये असाधारण डंग के बचों के लिये सरकार को मजबूर होकर हमेशा नये ऋण लेने पड़ते हैं। माधुनिक राजस्व नीति की पुरी है बीवन- निर्वाह के प्रत्यन्त प्रावश्यक साधनों पर कर लगाना (और इस तरह उनके नामों को बढ़ा देना) प्रतएव, माधुनिक राजस्व नीति के भीतर करों के अपने पाप बराबर बढ़ते जाने की प्रवृत्ति छिपी रहती है। प्रत्यषिक कर लगाना अब कोई पाकस्मिक बीच न रहकर एक सिद्धान्त बन जाता है। पुनांचे, हालेज में, जहां इस प्रणाली का सबसे पहले भीगनेश किया गया था, महान देशभक्त. विट्ट ने अपनी रचना "Maxims" ('सूत्रावली') में इस प्रणाली की मजदूरों को बिनन, मितव्ययी और परिममी बनाने और उनपर कमर-तोड़ मम का बोला लाव देने-की सबसे अच्छी प्रणाली के रूप में बहुत प्रशंसा की है। लेकिन यह प्रपाली मजदूरों का जिस तरह सत्यानाश करती है, उससे हमारा यहां उतना सम्बंध नहीं है, जितना इस बात से है कि उसके फलस्वरूप किसानों, बस्तकारों और संक्षेप में कहें, तो निम्न-मध्य वर्ग के सभी तत्वों की सम्पत्ति का अपहरण हो जाता है। इस विषय पर तो पूंजीवादी अर्थशास्त्रियों में भी दो मत नहीं हैं। लोगों की सम्पत्ति का अपहरण करने के मामले में पापनिक कर प्रणाली की कार्य-क्षमता संरक्षण की प्रणाली के कारण और भी बढ़ जाती है, जो कि इस प्रणाली का एक अभिन्न अंग होती है। बन के पूंजीकरण और जनता के सम्पत्ति-अपहरण में सार्वजनिक पुणों की प्रणाली ने और तदनुरूप राजस्व प्रणाली ने भी जो महत्वपूर्ण भाग लिया है, उसे ध्यान में रखते हुए कौवेट, बलले मावि.अनेक लेखक गलती से इन प्रणालियों को माधुनिक काल में जनता की गरीबी का मूल कारण समास बैठे हैं। संरक्षण की प्रणाली बनावटी ढंग से कारखानेदारों को निर्मित करने, स्वतंत्र कारीगरों की सम्पत्ति का अपहरण करने तथा उत्पादन और जीवन-निर्वाह के राष्ट्रीय साधनों का पूंजीकरण करने और मध्य युगीन उत्पावन-प्रणाली तथा माधुनिक उत्पादन प्रणाली के बीच के संक्रमण- काल को बर्दस्ती छोटा कर देने की एक तरकीब थी। इस पाविष्कार पर किसका एकाधिकार है। इस प्रश्न को लेकर योरपीय राज्यों ने एक दूसरे को चीरना-फाड़ना शुरू कर दिया था। और जब एक बार इन राज्यों ने अतिरिक्त मूल्य बनाने वालों की सेवा करना स्वीकार कर लिया, तो इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये उन्होंने न केवल अप्रत्यकम से संरक्षण-कर लगाकर पौर प्रत्यक्ष रूप से निर्यात होने वाले माल पर प्रीमियम देकर स्वयं अपनी जनता को मुंडा, बल्कि अपने पराधीन देशों में भी हर प्रकार के उद्योग-बंधों को सबस्ती नष्ट कर दिया। मिसाल के लिये, इंगलैग ने मायरनेस के मनी माल के हस्तनिर्माण के साथ यही किया। पोपीय महाद्वीप में, कोलवर्ट का अनुकरण करते हुए, इस पूरी पिया को अत्यधिक सरल बना दिया गया। यहां प्रांतिक तौर पर पारिन प्रायोगिक पूंची प्रत्यकम में राज्य के बचाने से पायी। मिराबो चिल्ला उता है: "सप्तवर्षीय पुत्र के पहले सैक्सोनी की पांचोगिक समृद्धि का कारण खोजने के लिये बहुत पुर बाने की क्या परत है? परे, उसका कारण यह पा कि राज्य ने १८,००,००,०००काग लिया था। बिसे सचमुच हस्तनिर्माण का काल कहा जा सकता है, उसकी सन्तान का-पापनिवेक्षिक . 1 Mirabeau, उप० पु., अंच, पृ० १०१।
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