८४२ पूंजीवादी उत्पादन . लेता है। पूंजीपति के बारे में अब यह कहा जा सकता है कि वह समाज के समस्त धन का प्रथम स्वामी होता है, हालांकि किसी कानून ने उसको इस सम्पत्ति के स्वामित्व का अधिकार नहीं दिया है... यह परिवर्तन पूंजी पर सूब लेने के फलस्वरूप सम्पन्न हुमा है... और यह कम विचित्र बात नहीं है कि योरप के सभी कानून बनाने वालों ने कानून बनाकर इस बीच को रोकने की कोशिश की थी; मिसाल के लिये, सूबखोरी के खिलाफ इसी उद्देश्य से कानून बनाये गये ... देश के समस्त धन पर पूंजीपति का अधिकार स्थापित हो जाने से सम्पत्ति का अधिकार सम्पूर्णतया बदल गया है। और यह परिवर्तन किस कानून अपवा किन कानूनों के द्वारा सम्पन्न हमा है ? "1 लेखक को याद रखना चाहिये था कि क्रान्तियां कानूनों के द्वारा सम्पन्न नहीं होती। सूबलोरी और वाणिज्य के द्वारा जिस नकद पूंजी का निर्माण हुआ था, उसे बेहात में सामन्ती विधान ने और शहरों में शिल्पी संघों के संगठन ने पोचोगिक पूंजी नहीं बनने दिया था।' जब सामन्ती समाज का विघटन हुमा और बेहाती पाबादी की सम्पत्ति छीन ली गयी तथा प्रांतिक रूप में उसे समीनों से खदेड़ दिया गया, तो ये बंधन भी टूट गये। नये कारखानेदार समुद्र किनारे के बन्दरगाहों में या देश के भीतर ऐसे स्थानों पर जाकर जम गये, जो पुरानी नगरपालिकाओं और उनके शिल्पी संघों के नियंत्रण के बाहर थे। इसीलिये इंगलैड में इन नयी पोचोगिक रोपनियों के साथ उन नगरों (corporate towns) का बड़ा कटु संघर्ष हुमा, जिनको नगरपालिकामों के अधिकार प्राप्त थे। अमरीका में सोने और चांदी की खोज मादिवासी पावादी का समूल नष्ट कर दिया जाना, गुलाम बनाया जाना और खानों में विन्दा बना दिया जाना; ईस्ट इणिया की विजय तथा लूट का श्रीगणेश; अफ्रीका का हाियों के व्यापारिक पालेट की भूमि बन जाना- इसी प्रकार की घटनाओं के द्वारा यह संकेत मिला था कि पूंजीवादी उत्पादन का प्रयोदय हो रहा है। इन सुखद पियानों का प्रादिम संचय में मुख्य भाग रहा है। उनके बाद तुरन्त ही पोरपीय राष्ट्रों का वाणिज्य-मुख मारम्भ हो गया, जिसका क्षेत्र पूरा भूगोल था। वह शुरू हुमा स्पेन के प्राधिपत्य के विल्ड नेवरलेण्ड्स के विद्रोह से, इंगलैग के कोविन-विरोधी युद्ध में उसने भयानक विस्तार प्राप्त किया और चीन के खिलाफ अफीम के युद्धों के रूप में यह मान भी जारी है, इत्यादि। माविम संचय के विभिन्न तत्व अब न्यूनाधिक रूप से काल-क्रमानुसार खास तौर पर स्पेन, पुर्तगाल, हालांड, फ्रांस और इंगलैड के बीच बंट गये थे। इंगलैस में १७ वीं शताब्दी के पन्त में उन सब को उपनिवेश-प्रमाली, राष्ट्रीय श्रम, माधुनिक कर प्रणाली और संरक्षण-प्रणाली के रूप में सुनियोजित ढंग से जोड़ दिया गया। कुछ हद तक ये तरीके पाशविक बल पर निर्भर करते हैं, जिसका उदाहरण है प्रोपनिवेशिक व्यवस्था। लेकिन जिस तरह गरमलाने में पौधों का 1 u The Natural and Artificial Rights of Property Contrasted” ('#rfer के स्वाभाविक तथा कृत्रिम अधिकारों का तुलनात्मक अध्ययन'), London, 1832, पृ० १८-६६। इस गुमनाम पुस्तक के लेखक ये टोमस होजस्किन । १७६४ की बात है कि लीड्स के छोटे-छोटे कपड़ा तैयार करने वालों ने एक प्रतिनिधि- मण्डल भेजकर संसद को यह दरख्वास्त दी थी कि कानून बनाकर सौदागारों को कारखानेदार To ad otte faran (Dr. Aikin, "Description of the Country from thirty to forty miles round Manchester," London, 1795 1)
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