पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/५७४

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मशीनें और माधुनिक उद्योग ५७१ इसलिये, पूंजीवादी उत्पादन प्रौद्योगिकी का और उत्पादन की विभिन्न क्रियाओं को जोड़कर एक सामाजिक इकाई का रूप देने की कला का विकास तो करता है, पर यह काम केवल समस्त धन-सम्पदा के मूल स्त्रोतों को -धरती को और मजदूर को-सोलकर करता है। का जो अर्थ है , लीबिग ने उसका उससे बिल्कुल भिन्न अर्थ लगाया है। पर इसके अलावा यह बात भी अवश्य ही “बहुत उल्लेखनीय है कि जिस सिद्धान्त को सबसे पहले जेम्स ऐण्डर्सन ने ऐडम स्मिथ के काल में प्रकाशित किया था और जिसको १९ वीं शताब्दी के प्रारम्भ होने तक विभिन्न ग्रंथों में बार-बार दोहराया गया था, लीबिग ने जान स्टुअर्ट मिल को उसका प्रथम प्रतिपादक बना दिया है ; १८१५ में साहित्यिक चोरी की कला के प्राचार्य माल्यूस ने ( उनका जन-संख्या वाला पूरे का पूरा सिद्धान्त बेशर्मी के साथ चुराया हुआ है) इस सिद्धान्त को अपनी सम्पत्ति बताया था ; वेस्ट ने ऐण्डर्सन के साथ-साथ और स्वतंत्र रूप से इसका विकास किया था ; १८१७ में रिकार्डो ने इस सिद्धान्त को मूल्य के सामान्य सिद्धान्त के साथ जोड़ दिया था, और तब इस सिद्धान्त ने रिकार्डो के सिद्धान्त के नाम से सारी दुनिया का चक्कर लगाया था ; १८२० में जान स्टुअर्ट मिल के पिता, जेम्स मिल ने उसका अप्रामाणिक रूप प्रस्तुत किया था, और, अन्त में, जान स्टुअर्ट मिल आदि ने एक ऐसी रूढ़ि के रूप में उसका पुनरुत्पादन किया था, जो उस वक्त तक एक अत्यन्त साधारण बात बन गयी थी और जिसकी हर स्कूली लड़के को जानकारी थी। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि जान स्टुअर्ट मिल की सर्वथा “ उल्लेखनीय" प्रतिष्ठा लगभग पूरी तरह इस प्रकार की quid-pro- quos ( हेरा-फेरी) पर ही आधारित है।