३५४ पूंजीवादी उत्पादन . अपने मूल्य का स्वयं विस्तार करने तथा दूसरों के मुफ्त में किये गये श्रम की एक निश्चित मात्रा को रोख निगल जाने के गुण के साथ इस अभिन्न ढंग से जुड़ा हुआ है कि कारलाइल एण्ड कम्पनी का अध्यक्ष सचमुच यह समझने लगता है कि यदि वह अपना कारखाना बेचेगा, तो उसे न सिर्फ तमों का मूल्य मिलेगा, बल्कि उसके अलावा उसे इन तमों की अतिरिक्त मूल्य सोलने की शक्ति की कीमत भी मिलेगी। वह समझता है कि उसे न सिर्फ उस श्रम के बाम मिलेंगे, जो इन तमों में निहित है और जो इस तरह के तकुमों के उत्पादन के लिये प्रावश्यक है, बल्कि उसे उस अतिरिक्त श्रम के भी दाम मिलेंगे, जिसे वह इन तकुमों की मदद से रोज पैसले के बहादुर स्कोटिश लोगों के शरीर में से घूस लेता है। इसी कारण वह यह सोचता है कि यदि काम के दिन में २ घण्टे की कमी कर दी गयी, तो कताई करने वाली १२ मशीनों का विकी का दाम घटकर १० मशीनों के दाम के बराबर रह जायेगा।
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