पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/२९९

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२९६ पूंजीवादी उत्पादन . . करने में कोई बुराई नहीं है। (इसके विपरीत, अपने व्यवसाय के हितों को देखते हुए मेसर्स नेलर एण विकर्स की यह राय दी कि लगातार रात को काम करने की अपेक्षा बोहे-पोड़े दिन बाव रात को काम करना स्वास्थ्य के लिये ज्यादा हानिकारक होगा।) हमें ऐसे पावनी भी मिल जाते हैं, वो हर दूसरे सप्ताह में रात को काम करने को तैयार होते हैं, और ऐसे भी मिल जाते हैं, जो केवल दिन में काम करते हैं, और उनके स्वास्थ्य में कोई पन्तर नहीं होता... १८ वर्ष से कम उम्र के लड़कों से रात को काम न लेने देने के खिलाफ हम इसलिये ऐतराव करते हैं कि उससे पर्चा बढ़ जायेगा, लेकिन हम और किसी कारण से उसपर ऐतराज नहीं करते। (कैसा निर्लन्च भोलापन है यह ! ) हम समझते हैं कि इससे सर्चा इतना अधिक बढ़ जायेगा कि हमारा व्यवसाय उसे सहन नहीं कर पायेगा और वह सफलतापूर्वक नहीं चलाया AT FAT I (The trade, with due regard to its being successfully carried out, could fairly bearl-कैसी चिकनी-चुपड़ी बातें हैं!) यहां मजदूर मुश्किल से मिलते हैं, और यदि कोई ऐसा नियम बन गया, तो मुमकिन है कि मजदूरों की कमी हो जाये। (अर्थात् मुमकिन है कि तब मेसर्स एलिस बाउन एम कम्पनी पर यह मुसीबत मा जाये कि उन्हें श्रम-शक्ति का पूरा मूल्य चुकाना पड़े।)' मेसर्स कॅम्मेल एक कम्पनी का 'साइक्लोप्स स्टील एम मायरन बर्स" उतने ही बड़े पैमाने का कारखाना है, जितने बड़े पैमाने का कारखाना मेसर्स जान बाउन एण्ड कम्पनी का है, जिसका हमने ऊपर विक किया है। उसके मैनेजिंग डायरेक्टर ने सरकारी जांच-कमिश्नर मि. व्हाइट को अपना बयान लिखित रूप में दिया था। बाद को बब बयान की हस्तलिपि उनके पास दोहराने के लिये लौटकर प्रापी, तो वह उसे बाबकर बैठ गये। ऐसा करना उनके अनुकूल था। मगर मि. व्हाइट की याददाश्त बच्छी पी। उनको अच्छी तरह याद था कि साइक्लोप्स कम्पनी की राय यह थी कि बच्चों तवा लड़के-लड़कियों से रात में काम लेने पर प्रतिबंध लगाना 'असम्भव है, क्योंकि वह तो उनके कारखाने को बन्द कर देने के बराबर होगा", और फिर भी असलियत यह पी कि उनके यहाँ १८ वर्ष से कम उम्र के लड़कों की संख्या ६ प्रतिशत से पोड़ी ही ज्यादा पी और १३ वर्ष से कम उम्र के लड़कों की संख्या तो १ प्रतिशत से भी कम थी।' मेसर्स संग्डर्सन प्रबर्स एप कम्पनी का एडक्लिक में इस्पात की रोलिंग-मिल और भट्टीजाना है। इसके मि. ई. एक० संपर्सन ने इसी प्रश्न पर यह मत प्रकट किया है: "यदि १८ वर्ष से कम उम्र के लड़कों को रात में काम करने से रोक दिया गया, तो बड़ी मुश्किल हो जायेगी। सबसे बड़ी कठिनाई यह होगी कि लड़कों की जगह मयों को नौकर रखने के कारण लागत बढ़ जायेगी। यह तो मैं नहीं कह सकता कि लागत कितनी बढ़ जायेगी, पर शायद वह इतनी नहीं बढ़ेगी कि उसके पापार पर कारखाने वाले इस्पात के दाम बढ़ा हैं। नतीजा यह होगा कि यह बढ़ी हुई लागत कारखाने वालों को ही बक्ति करनी पड़ेगी, क्योंकि , बाहिर है, मखदूर तो उसे देने को तैयार होंगे नहीं (कितने अजीब लोग है ये मजदूर भी!)।" मि. संर्सन को इसका ज्ञान नहीं है कि उनके यहां दो बच्चे काम करते है, उनको बह कितनी मजदूरी देते हैं, लेकिन "कम-उन लड़कों को शायर शिलिंग से . . , 1 उप.० पु., ८०, पृ. XVI (सोलह)। उप. पु., ९२, पृ. XVII (सत्रह)।