२७६ पूंजीवादी उत्पादन . ६ वर्ष के विलियम बुर ने बब काम करना प्रारम्भ किया था, तब उसकी उन ७ वर्ष और १० महीने की ची। शुरू से ही बह. "ran moulds" ("सांचे डोता पा") (यानी सांचे में ढली हुई वस्तुओं को सुलाने के कमरे में ले जाता था और फिर बाली सांचों को वहां से वापिस लाता था)। हर रोज वह सुबह को छ: बजे माता वा और रात को | बजे काम करना बन्द करता था। उसने बताया : "हफ्ते में छ: दिन में रात को ९ बजे तक काम करता हूं। ७ या ८ हप्ते तक मैंने इस तरह काम किया है।" ७ वर्ष के बच्चे से पन्द्रह घण्टे रोजाना की मेहनत ! १२ वर्ष के ० मुरे ने बताया : "मैं मिट्टी छानता हूं और सांचे होता हूं (I turn jigger and run imoulds)। मैं ६ बजे काम पर माता हूं। कभी-कभी ४ बजे ही। कल में पूरी रात काम करता रहा-पान सुबह छ: बजे तक। मैं परसों रात से बिस्तर पर नहीं लेटा हूं। कल रात ८ या ६ लड़के और काम कर रहे थे। एक को छोड़कर बाकी सब भाव भी काम पर पाये हैं। मुझे ३ शिलिंग और ६ पेंस मिलते हैं। रात को काम करने के एवज में मुझे इससे ज्यादा नहीं मिलता। पिछले सप्ताह मैंने दो रात काम किया था।" फेर्नीहाऊ नामक बस वर्ष के एक बालक ने बतायाः "(भोजन के लिए) मुझे हमेशा एक घण्टा नहीं मिलता। कभी-कभी, जैसे वृहस्पतिवार, शुक्रवार और शनिवार को, केवल पाषा घन्टा ही मिलता है।"1 ग. पीनहाऊ ने बताया है कि देष्ट नवी-पर-स्थित-स्टोक (Stoke-on-Trent) और बोल्सटेन्टन नामक मिट्टी के बर्तन बनाने वाले रिस्ट्रिक्टों में लोगों को पोसत जीवन- अवषि प्रसाधारण रूप से कम होती है। यद्यपि स्टोक रिस्ट्रिक्ट में २० वर्ष से अधिक पायु के बयस्क पुरुषों का केवल ३६.६ प्रतिशत भाग और बोल्सटेष्टन रिस्ट्रिक्ट में केवल ३०.४ प्रतिशत भाग ही मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारखानों में काम करता है, तथापि स्टोक रिस्ट्रिक्ट में इस मायु के पुरुषों में जितनी मौतें होती है, उनमें से पानी से ज्यादा और बोल्सटेण्टन सिस्ट्रिक्ट में कुल मौतों की लगभग संख्या मिट्टी के बर्तन बनाने वालों में फेफड़ों की बीमारियां फैलने के कारण होती हैं। हेनले के एक गक्टर परोया का कंचन है: “मिट्टी
- के बर्तन बनाने वालों की हर नयी पीढ़ी पिछली पीढ़ी के मुकाबले में कर में छोटी और दुर्बल
होती है। इसी तरह मि. मबीन नामक एक और गक्टर ने बताया है कि " २५ वर्ष हुए मैंने मिट्टी के बर्तन बनाने वालों के बीच गक्टरी करना शुरू किया था। तब से पान तक इन लोगों का स्वास्थ्य बहुत खराब हो गया है, वो खास तौर पर कर और चौड़ाई के कम हो साहिर होता है।" ये तमाम बक्तव्य ग. प्रीनहाऊ की १८६० की रिपोर्ट से लिये गये हैं। १८६३ में जांच-कमिश्नरों ने बो रिपोर्ट बी पी, उसका एक उद्धरण यह है। उत्तरी स्टेपकरशायर के अस्पताल के बड़े गक्टर ग०० टी० पालेज ने बताया है : “एक वर्ग - . 1 "Children's Employment Commission. First report, etc., 1863" ('a- सेवायोजन पायोग की पहली रिपोर्ट, इत्यादि, १८६३'), गवाहों के बयान, पृ० १६, १६, १८॥ "Public Health, sard report, etc." ('सार्वजनिक स्वास्थ्य, तीसरी रिपोर्ट, इत्यादि'), पृ० १०२, १०४, १०५।