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¹⁰बादशाह की सत्ता की पुनःस्थापना - फ्रांस के इतिहास में १८१४ से १८३० तक का काल। इस काल में फ्रांस में पुनःस्थापित बुर्बोन वंश के हाथों में सत्ता थी। १७६२ की पूंजीवादी क्रांति ने इस वंश का तख्ता उलट दिया।-पृष्ठ २०

¹¹"सीमान्त उपयोग का सिद्धान्त" -आस्ट्रियाई पूंजीवादी अर्थशास्त्री बोह्म- बावर्क ने मार्क्स के मूल्य-सिद्धांत के विरोध उक्त सिद्धांत का विस्तार किया। वह माल के मूल्य की व्याख्या जनता के लिए उसके उपयोग के आधार पर करता है, न कि उसके उत्पादन में लगी हुई सामाजिक श्रम की मात्रा के आधार पर।-पृष्ठ ३०

¹²«Die Neue Zeity (नया ज़माना) - जर्मन सामाजिक-जनवाद की सैद्धांतिक पत्रिका। यह १८८३ से १९२३ तक स्टुटगार्ट से प्रकाशित होती रही। १९१७ तक का० काउत्स्की और बाद में ग० कूनोव इसके संपादक रहे। १८८५ और १८६५ के बीच का० मार्क्स और फे० एंगेल्स के कई लेख इसमें प्रकाशित हुए। एंगेल्स अक्सर पत्रिका के संपादकों को सलाह दिया करते और मार्क्सवाद से भटक जाने के लिए उनकी कड़ी आलोचना करते। यह पत्रिका फ़० मेहरिंग, प० लफ़ार्ग और अंतर्राष्ट्रीय मजदूर वर्ग आंदोलन के अन्य नेताओं के लेख भी प्रकाशित करती थी। उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम दशक के उत्तरार्द्ध में, एंगेल्स की मृत्यु के बाद पत्रिका ने अवसरवादी दृष्टिकोण अपनाते हुए संशोधनवादियों के लेख प्रकाशित करना शुरू किया। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान में (१९१४-१९१८) पत्रिका ने मध्य-पक्षवादी स्थिति अपनायी और वस्तुतः सामाजिक-अंधराष्ट्रवादियों का समर्थन किया।-पृष्ठ ४०

¹³देखिये का० मार्क्स का पत्र फ्रे० एंगेल्स के नाम , ता० , ६ अप्रैल, १८६३ । -पृष्ठ ४१

¹⁴देखिये फ्रे० एंगेल्स का पत्र का० मार्क्स के नाम , ता. ५ फ़रवरी, १८५१।-पृष्ठ ४२

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