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देता और यूरोपीय मज़दूर वर्ग की शक्ति बढ़ा देता। इसलिए एंगेल्स की उत्कट इच्छा थी कि पश्चिम के मज़दूर आंदोलन की प्रगति के हित में भी रूस में राजनीतिक स्वतंत्रता की स्थापना हो। एंगेल्स की मृत्यु से रूसी क्रांतिकारियों का श्रेष्ठ मित्र खो गया।

सर्वहारा के महान योद्धा और आचार्य फ़्रेडरिक एंगेल्स की स्मृति अमर रहे!

 
लेखन-काल : शरद, १८९५ ब्ला॰ इ॰ लेनिन,
संग्रहीत रचनाएं,
'रबोत्निक' लेख-संग्रह, अंक १-२, चौथा रूसी संस्करण,
१८९६ में पहली बार प्रकाशित खंड २, पृष्ठ १-१३