पृष्ठ:कार्ल मार्क्स, फ्रेडरिक एंगेल्स.djvu/५४

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की खंडन-मंडनात्मक रचना ( जिसमें दर्शन, प्राकृतिक विज्ञान और सामाजिक विज्ञानों के क्षेत्र की अत्यंत महत्वपूर्ण समस्याओं का विश्लेषण किया गया है)★, 'परिवार , निजी संपत्ति और राज्य की उत्पत्ति' (रूसी में अनुवादित , सेंट-पीटर्सबर्ग में प्रकाशित , तृतीय संस्करण, १८६५), 'लुडविग फ़ायरबाख (टिप्पणियों सहित रूसी अनुवाद प्लेखानोव द्वारा, जेनेवा , १८६२), रूसी सरकार की विदेश नीति के संबंध में एक लेख (जेनेवा के 'सोसिअल- देमोक्रात' के पहले और दूसरे अंकों में रूसी में अनुवादित)³² मकानों के सवाल पर कुछ उत्कृष्ट लेख, और अंत में, रूस के आर्थिक विकास के संबंध में दो छोटे पर अतिमूल्यवान् लेख (रूस के संबंध में फ्रेडरिक एंगेल्स के विचार'³⁴, वेरा जासुलिच द्वारा रूसी में अनुवादित , जेनेवा , १८६४)। पूंजी से संबंधित विशाल काम पूरा होने से पहले ही मार्क्स का देहांत हुआ। फिर भी कच्चे रूप में यह काम तैयार था। अपने मित्र की मृत्यु के बाद एंगेल्स ने 'पूंजी' के द्वितीय और तृतीय खंडों की तैयारी और प्रकाशन का भारी काम अपने कंधों पर लिया। उन्होंने द्वितीय खंड १८८५ में और तृतीय खंड १८६४ में प्रकाशित किया (उनकी मृत्यु के कारण चतुर्थ खंड की तैयारी में बाधा पड़ी) । उक्त दो खंडों के प्रकाशन की तैयारी का काम बहुत ही परिश्रमपूर्ण था। आस्ट्रियाई सामाजिक-जनवादी एडलर ने ठीक ही कहा कि 'पूंजी' के द्वितीय और तृतीय खंडों के प्रकाशन द्वारा एंगेल्स ने अपने प्रतिभाशाली मित्र का भव्य स्मारक खड़ा किया , एक ऐसा स्मारक जिसपर न चाहते हुए भी उन्होंने अपना नाम अमिट रूप में अंकित कर दिया। और वस्तुतः ‘पूंजी' के इन दो खंडों के रचयिता दो व्यक्ति हैं : मार्क्स और एंगेल्स। प्राचीन इतिहास में मैत्री के कितने ही हृदयस्पर्शी उदाहरण मिलते हैं। यूरोपीय सर्वहारा कह


★'यह बहुत ही अनोखी और शिक्षादायी पुस्तक है। दुर्भाग्य से उसका एक छोटा-सा हिस्सा ही रूसी में अनुवादित किया गया है। इस हिस्से में समाजवाद के विकास की ऐतिहासिक रूपरेखा दी गयी है ('वैज्ञानिक समाजवाद का विकास', द्वितीय संस्करण , जेनेवा, १८६२)³¹ ।

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