पृष्ठ:कार्ल मार्क्स, फ्रेडरिक एंगेल्स.djvu/५०

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

बहुमत को उसकी संपत्ति से वंचित कर देता है और यह संपत्ति नगण्य अल्पमत के हाथों में केंद्रित कर देता है। वह संपत्ति को, अर्थात् वर्तमान सामाजिक व्यवस्था के आधार को नष्ट कर देता है, वह स्वयं ही उसी लक्ष्य की ओर बढ़ता है जिसे समाजवादी अपने सामने रखे हुए हैं। समाजवादियों को बस यह समझ लेना है कि इन सामाजिक शक्तियों में से कौनसी शक्ति वर्तमान समाज में अपनी स्थिति के कारण समाजवाद को लाने में रुचि रखती है, और इस शक्ति को उसके हितों और ऐतिहासिक मिशन की चेतना प्रदान करनी है। यह शक्ति है सर्वहारा। एंगेल्स को यह इंगलैंड में, ब्रिटिश उद्योग के केंद्र मैंचेस्टर में ज्ञात हुआ जहां वह एक व्यापारिक प्रतिष्ठान की सेवा में प्रवेश करके १८४२ में बस गये थे। उनके पिता इस प्रतिष्ठान के एक हिस्सेदार थे । यहां एंगेल्स केवल फैक्टरी के दफ्तर में नहीं बैठे रहे , उन्होंने उन गंदी गलियों के चक्कर लगाये जहां मज़दूर दरबों की सी जगहों में रहते थे। उन्होंने अपनी आंखों उनकी दरिद्रता और दयनीय दशा देखी। पर वह केवल वैयक्तिक निरीक्षण करके ही नहीं रहे। ब्रिटिश मजदूर वर्ग की स्थिति के संबंध में जो भी सामग्री देखने में आयी, उन्होंने सारी की सारी पढ़ डाली और जो भी सरकारी कागज़ात हाथ लगे, उन्होंने उन सबका ध्यान से अध्ययन किया। इन अध्ययनों और निरीक्षणों का फल १८४५ में प्रकाशित 'इंगलैंड के मजदूर वर्ग की स्थिति' शीर्षक पुस्तक के रूप में प्रकट हुआ। 'इंगलैंड के मजदूर वर्ग की स्थिति' के लेखक के नाते एंगेल्स ने जो मुख्य सेवा की उसका उल्लेख हम पहले ही कर चुके हैं। एंगेल्स के पहले भी कितने ही लोगों ने सर्वहारा के कष्टों का वर्णन और उसकी सहायता की आवश्यकता के प्रति संकेत किया था। पर एंगेल्स ही वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने कहा कि सर्वहारा न केवल कष्टग्रस्त वर्ग है, पर यह कि वस्तुतः सर्वहारा की लज्जाजनक आर्थिक स्थिति उसे अप्रतिहत रूप से आगे बढ़ा रही है और उसकी अंतिम मुक्ति के लिए लड़ने को विवश कर रही है। और लड़ाकू सर्वहारा स्वयं अपनी सहायता कर लेगा। मजदूर वर्ग का राजनीतिक आंदोलन अनिवार्य रूप से मजदूरों को अनुभव करायेगा कि उनकी एकमात्र मुक्ति समाजवाद में निहित है। दूसरी ओर, समाजवाद

4*

५१