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लगाये हुए थे। सर्वहारा की संख्या जितनी अधिक होगी, क्रांतिकारी वर्ग के रूप में उसकी शक्ति उतनी ही अधिक होगी और समाजवाद समीपतर और संभवतर होगा। मार्क्स और एंगेल्स द्वारा की गयी मजदूर वर्ग की सेवाओं का वर्णन संक्षेप में इन शब्दों में अभिव्यक्त किया जा सकता है : उन्होंने मजदूर वर्ग को स्वयं अपने को पहचान लेने और अपने प्रति सचेत होने की शिक्षा दी, और स्वप्नों के स्थान में विज्ञान की स्थापना की।

इसी लिए हर मजदूर को एंगेल्स के नाम और जीवन से परिचित होना आवश्यक है। यही कारण है कि इस लेख-संग्रह में हम वर्तमान सर्वहारा के दो महान आचार्यों में से एक, फ्रेडरिक एंगेल्स के जीवन और कार्य की रूपरेखा प्रस्तुत करना आवश्यक मानते हैं। हमारे अन्य सभी प्रकाशनों की तरह इस लेख-संग्रह का उद्देश्य भी रूसी मजदूरों के बीच वर्ग-चेतना को जागृत करना है।

एंगेल्स का जन्म १८२० में प्रशा राज्य के राइन प्रदेश में स्थित बार्मेन में हुआ था। उनके पिता एक कारखानेदार थे। १८३८ में एंगेल्स को जिम्नेजियम की शिक्षा पूरी किये बिना ही पारिवारिक परिस्थितियों के कारण ब्रेमेन के एक व्यापारिक प्रतिष्ठान में क्लर्क की नौकरी पकड़नी पड़ी। पर एंगेल्स की वैज्ञानिक और राजनीतिक शिक्षा जारी ही रही, उसमें व्यापारिक मामले कोई बाधा न डाल सके। जब वह जिम्नेजियम में पढ़ रहे थे उसी समय से निरंकुशशासन और नौकरशाहों के अत्याचारों से घृणा करने लगे थे। दर्शन का अध्ययन उन्हें और आगे ले गया। उन दिनों जर्मन दर्शन पर हेगेल की शिक्षा का प्रभाव था और एंगेल्स उनके अनुयायी बन गये। यद्यपि स्वयं हेगेल निरंकुश प्रशियन राज्य के प्रशंसक थे और बर्लिन विश्वविद्यालय के एक प्रोफ़ेसर के नाते उसकी सेवा कर रहे थे, फिर भी उनके सिद्धांत क्रांतिकारी थे। इस बर्लिनवासी दार्शनिक के जो शिष्य वर्तमान परिस्थिति के साथ राजीनामा करने से इनकार करते थे उन्हें मनुष्य की तर्कशक्ति और उसके अधिकारों में हेगेल का विश्वास और हेगेलवादी दर्शन का यह आधारभूत सिद्धांत कि विश्व परिवर्तन और विकास की एक सतत प्रक्रिया के अधीन है, इस विचार की ओर अग्रसर कर रहा था कि

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