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प्रेमचन्द

जन्म बनारस के पास लमही में १८८० ई॰ में। असली नाम श्री धनपतराय। आठ वर्ष की आयु में माता और चौदह में पिता का निधन हो गया। अपने बल-भरोसे से पढ़े। बी॰ ए॰ किया। १९०१ में उपन्यास लिखना शुरू किया। कहानी १९०७ से लिखने लगे। उर्दू में नवाबराय के नाम से लिखते थे। १९१० में सोजेवतन जब्त की गई, उसके बाद प्रेमचन्द के नाम से लिखने लगे। १९२० तक सरकारी नौकरी की। फिर सत्याग्रह से प्रभावित हो नौकरी छोड़ दी। १९३० में 'हंस' और १९२३ में सरस्वती प्रेस की स्थापना की। ८ अक्तूबर १९३६ को स्वर्गवास हुआ।

कायाकल्प का रचना-काल—१९२९ ई॰