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कामायनी:महाकवि जयशंकर प्रसाद की सर्वश्रेष्ठ काव्य-कृति।
कामायनी: में मनु, श्रद्धा और इड़ा के माध्यम से महाकवि ने न केवल सृष्टि के जन्म और विकास की कथा कही है, वरन् उसमें उन्होंने मानव-मन में अहिर्निश चलनेवाले अंतर्द्वंद्वों का भी चित्रण किया है।
कामायनी:अनेक दशकों से विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में ही सम्मिलित नहीं रही है, उसपर अनेक समालोचनात्मक कृतियां भी रची गयी हैं। अनेक भाषाओं में उसका अनुवाद भी हुआ है।
कामायनी:विश्व-साहित्य की एक श्रेष्ठ काव्य-कृति के रूप में समादृत !
महाकवि जयशंकर प्रसाद : लोकमंगल मूलक आदर्शों के क्रांतिदर्शी स्वप्नद्रष्टा और अग्रदूत !