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कामना
सब-कहिये।
विनोद-यदि रानी की आज्ञा हो।
कामना–हाँ, हाँ, कहो।
विनोद-ऐसी उपकारिणी लालसा के कष्टो का ध्यान कर सब लोगों को चाहिये कि उनसे ब्याह कर लेने की प्रार्थना की जाय। कृतज्ञता प्रकाश करने का यह अच्छा अवसर है।
कामना-परंतु-
विलास-नहीं रानी, उसका जीवन अकेला है, और अकेली पवित्रता केवल आपके लिए-
कामना-हाँ, अच्छी बात है, परंतु किसके साथ?
एक स्त्री-नाम तो लालसा को ही बताना पड़ेगा।
लालसा-मैं तो नही जानती।
(लज्जित होती है)
लीला-तो मैं चाहती हूँ कि हम लोगों के परम उपकारी विलासनी ही इस प्रार्थना को स्वीकार करें। यह जोड़ी बड़ी अच्छी होगी।
सब-(एक स्वर से) बहुत ठीक है।
(विनोद लालसा का और लीला विलास का हाथ पकड़कर मिला देते हैं। सब घेरकर नाचने लगते हैं।
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