यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
कामना
विलास-रानी, तुम्हारी प्रना तुम्हे आशीर्वाद देती है।
विनोद-उसके लिए वैभव और सुख का आयोजन होना चाहिये।
कामना-लालसा सोने की भूमि जानती है। वह तुम लोगो को बतावेगी। क्या उसे पाने लिए तुम लोग प्रस्तुत हो?
सब-हम सब प्रस्तुत है।
लालसा-उसके लिए बड़ा कष्ट उठाना पड़ेगा।
सब-हम सब उठावेंगे।
लालसा-अच्छा, तो मै बताती हूँ।
विनोद-और, इस प्रसन्नता में मैं पहले से आप लोगो को एक वन-भोज के लिए आमंत्रित करता हूँ।
लीला-परंतु लालसा की एक प्रार्थना है।
सब-अवश्य सुननी चाहिये।
लालसा-शांतिदेव की हत्या का प्रतिशोध।
(सब एक दूसरे का मुँह देखते है। लालसा विलास की ओर आशा से देखती है)
विलास-अवश्य, उन हत्यारेबंदियों को बुलाओ।
(चार सैनिक जाते हैं)
८२