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१०—प्रेमिका

अनुवादक—'हिन्दूपंच'-सम्पादक पंडित ईश्वरीप्रसाद शर्मा

यह जगत्प्रसिद्ध उपन्यास-लेखिका 'मेरी कारेली' के सर्वश्रेष्ठ उपन्यास थेल्मा' का अत्यंत सरल एवं सरस अनुवाद है। इसमे आदर्श दाम्पत्य प्रेम का चित्ताकर्षक चित्र, नगर और ग्राम की युवतियों के स्वभाव के बारीक भेद, हार्दिक प्रेम का जबरदस्त आकर्षण, प्रेममयी पत्नी की पति-परायणता का अद्भुत गौरव, दिल की सच्ची लगन की अनुपम मधुरता, विलायत का पतित और घृणाजनक सामाजिक जीवन, कुसंगति का भयंकर और घातक दुष्परिणाम, विलायत का अशान्तिप्रद दाम्पत्य-सम्बन्ध, उन्नति और सभ्यता की बनावटी खाल से ढके हुए छल-दम्भ बड़े ही प्रभावशाली ढंग से अंकित हैं। लेखिका की मनोहर वर्णनशैली को भावुक अनुवादक की धारा-प्रवाह भाषा ने ऐसा सजीव बना दिया है कि देखते ही बनता है।

रेशमी जिल्द पर सुनहले अक्षर, चिकना रैपर, रेशमी बुकमार्क—सभी कुछ अनोखा और नेत्ररजक है। आरम्भ में मूल-लेखिका का समालोचनात्मक परिचय और अनुवादक का चित्र। पृष्ठ लगभग ४००; मूल्य २॥)

११—विमाता

लेखक—श्रीयुत अवधनारायण

यह एक मर्मतलस्पर्शी सामाजिक उपन्यास है। इसके ऐसा हृदयग्राही प्लाट हिन्दी के बहुत ही कम उपन्यासों को नसीब है। दो-दो संस्करणो की हजारों कापियाँ थोड़े ही समय में बिक जाना इसकी उपयोगिता का सर्टिफिकेट है। तीसरा संस्करण

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