३-निर्माल्य
रचयिता-कविरत्न पं॰ मोहनलालमहतो गयावाल 'वियोगी'
'सम्मेलन पत्रिका' लिखती है-पुस्तक अत्यन्त उत्तम और हिन्दी कविता-क्षेत्र की एक नई वस्तु है। कवि सहृदय हैं। आपकी कविता अति उच्च श्रेणी की होती है। 'निर्माल्य' की-सी कवितायें हिन्दी-जगत् में युगपरिवर्तन करने में सहायक हो सकती हैं। हमें आशा है, 'निर्माल्य' की गिनती उन पुस्तकों में होगी, जिन पर खड़ी बोली कुछ अभिमान कर सकती है। Mahamahopadhyay Dr Ganganath Jha, M.A., D. Lit. Vice Chancellor, Allahabad University writes-Many thanks for the copy of Nirmalya It is refreshing to find a young poet beating out a new path for himself and succeeding therein I have read the poems with great interest, I wish the writer every success in life प्रयाग की प्रसिद्ध मासिकपत्रिका 'मनोरमा' लिखती है-नवीन युग के कवियों मे श्रीमोहनलाल महतो का एक खास़ स्थान है। आपकी प्रतिभा वास्तव में प्रखर और उच्च है। हमने इस पुस्तक को आदि से अन्त तक पढ़ा। प्रत्येक छन्द दार्शनिक भावों से भरा हुआ है। पुस्तक बहुत सुन्दर छपी हुई है। हम हिन्दीवालों से सिफारिश करते है कि वे इस नवीन काव्यग्रंथ को अवश्य देखें। Dr. Sir Rabindranath Tagore's Private Secretary writes-Dr. Tagore sends his best thanks for copy of your book of verses Nirmalya He is impressed by the use you have made of new metres and rhyme combinations in your poetry The book