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कामना
कामना-प्यारी, तू उस बात को न कह, उसे बधिरता के घने परदे मे छिपी रहने दे। मेरे जीवन के निकटतम रहस्य को अमावास्या से भी काली चादर मे छिपा रख। मै रोना चाहती हूँ; पर रो नहीं सकती। हाँ-
२-अच्छा, मै कुछ गाऊँ, जिसमे मन बहले।
कामना-सखी-
(गान)
जाओ, सखी, तुम जी न जलाओ,
हमें न सताओ जी।
१-तुम व्यर्थ रहीं बकती,
कामना-तुम जान नही सकती, मन की कथा है कहने की नही
२-मत बात बनाओ जी ।
१-समझोगी नही सजनी,
२-भव प्रेममयी रजनी,
भर नैन सुधा-छवि चाख गई
अब क्या समझाओ जी।
(विलास का प्रवेश)।
विलास-रानी!
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