पृष्ठ:कांग्रेस-चरितावली.djvu/५५

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सर फीरोजशाह एम मेहता के० सी० आई० ई० । राष्ट्रीय हित साधन के निमित्त यहुत कुछ उद्योग कर रहे हैं तो उनको आगे बढ़ाने और देश सेवा का काम करने के लिए अधिक मौका मिले इस कारण भारत सरकार को फौंसिल से झट इस्तीफ़ा देदिया। और गोखले महोदय यम्यई प्रान्त की ओर से सभासद चुने जाकर भारत सरकार की कानून बनाने वाली सभा के सभासद हुए। यह मिस्टर मेहता के स्वार्थ त्याग की बहुत अच्छी मिसाल है । भारत सरकार की कौंसिल में जो आप ने काम किया उस की सय लोग एक स्वर से प्रशंसा कर रहे हैं । पुलिस ऐक के सुधार करने के लिए जय कौंसिल में मसविदा पेश हुआ तब श्राप ने उस पर जो अपने विचार प्रगट किए वे बहुत ही उत्तम और उपयोगी थे। श्राप ने देश सेवा के साथ २ जो सरकार की सेवा की उस से सरकार भी आप से अधिक प्रसन्न है। सरकार ने श्राप को के,सी० आई० ई० की उपाधि प्रदान की। सरकार ने आप को सर की पदवी देकर उस से भी शार्प को भूपित किया । राजा और प्रशा दोनों की भलाई करना ही श्राप का मुख्य उद्देश्य है । सरकार के उचित विचारों को प्रजा पर प्रगट करके उसे सन्तुष्ट करना और प्रजा के दुःख सरकार को घतला फर मजा के सुख की कामना करना यस इसी प्रकार पुण्य कार्य करके अक्षय यश प्राप्त कर रहे हैं। BHEEHERE 20 ODPOVO X40AAJA AU LUA Beste IDADI --- WTOD