पृष्ठ:कांग्रेस-चरितावली.djvu/१५५

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मिस्टर एको धूम। (6) नाम हाई स्कूल की गुज़र न होगी। घूम साहय की यातों का ठाकुर साहय पर कुछ भी असर न हुआ। परन्तु म साहय की उम समय की कही हुई सय यातें प्राज कल सच्ची हो रदी हैं । जिमींदारी पीर सिपाहगिरी कोषत्र कोई

. नहीं पूंछता । व्यापार को आज कल फ़दर दिनों दिन बढ़ रही है।

इटावे में धम साहय का बनवाया हुशा एक स्कूलं है शिमका ह्यूम्स है। इस की इमारत ऐसी उत्तम है कि यूम साहय के शिल्प विद्या जानने का इससे बहुत अच्छा परिचय मिलता है। इम स्कूल के बीच में एक हाल है। उसके बीच में एक डाट ऐसी विलक्षण लगी है कि जिसे देखकर बड़े बड़े इंजिनियर घक्कर खाते हैं । वह घाट अधर बिना फिमी लकड़ी अथवा पत्थर के सहारे ज्यों की त्यों राष्ट्री है। 'सुनते हैं एक मर्तया.एक इंजिनियर ने उसे देख कर उस डाट के बीच में, दो खम्भे लगवा दिए और कहा कि बगैर किमी सहारे के इस का रहना बहुत ही बुरा है। किसी न किसी वक्त इससे लोगों को हानि पहुंचेगी। परन्तु जय यह यात हयू म साहय को मालूम हुई तब उन्होंने उन राम्भों को निकलया डाला और कहा कि यह डाट इस क़दर मज़बूत है कि जन सय इमारत गिर जापगी तब कहीं यह गिरेगी । न मालूम • यह बात कहां तक सच है । पाप की. वनवाई हुई. इटावे में तहसीली भी देखने लाया है।