१२६ कांग्रेस-धरितायली । साय में उन्नति न कर सके। वर्तमान समय में, जो राजनैतिक पान्दोलन देश में हो रहा है उस प्रान्दोलन के जन्मदाताओं और नेताओं में प्राप का भी नाम है। साधारण प्रजागण को राजनैतिक चर्चा करने, अपने अधिकार और अपने कर्तव्य जानने के लिए आपने बंगाल में, भारत सभा' स्थापित की। आप ही उस सभा के मंत्री थे। पाप नाजन्म उस सभा की उन्नति के लिए चेष्टा करते रहे। नेशनल कांग्रेस की उत्पत्ति होने के दिन से ही प्रापने इस सभा की सहायता करना प्रारम्भ किया । स्त्री शिक्षा के भी आप बहुत बड़े पक्षपाती थे। स्त्रियों को उच्चशिज्ञा प्राप्ति के लिए आप ने "वंग महिला विद्यालय' स्थापित किया था जो अब बेथून कालिज में मिला दिया गया है। बालकों की शिक्षा के लिए भी प्राप ने "सिटी कालिज" की बुनियाद डाली थी। कालिज प्रारम्भ करते समय सारा धन आपने ही लगाया था। परन्तु पश्चात् आपने उदारता पूर्वक इस कालिज को सर्वसाधारण की सम्पत्ति बना दी। साधारण ब्रह्म समाज की स्थापना करनेवालों में प्रापही प्रधान उद्योगी थे । बहुत दिनों तक आपने इस सभा के सभापति रह" कर उत्तमता पूर्वक काम को चलाया। कलकत्ता विश्वविद्यालय की उन्नति के लिए आपने बहुत कुछ परिश्रम किया। एक समय लाई रिपन ने इस देश में शिक्षा की उन्नति का उपाय निर्धारित करने के लिए कई एक योग्य पुरुषों पर इसका भार हाला; उन पुरुषों में प्रानन्द मोहन का भी नाम था । लाट साहब ने इस कार्य में राय देने के लिए श्राप से विशेष अनुरोध किया था। आपने इस कार्य में बहुत कुछ लाट साहब को सहायता पहुंचाई थी। पाप बंगाल के छोटे लाट की व्यवस्थापक संभा के सभासद भी थे। कलकत्ता विश्वविद्या- लय ने भी आपको अपना फ़ेलो बनाया था। मादक द्रव्य निधारखी सभा के भी पाप सभासद थे। आप सदैव अपने देशभाइयों को मादक द्रव्य त्याग का उपदेश दिया करते थे। श्रापको विश्वास था कि मादक + Sys Fra ता
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