पृष्ठ:कांग्रेस-चरितावली.djvu/१३६

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११६ कांग्रेस-परितावली। लाता है कि मापने निर्भय होकर, स्पष्ट रूप से, गवर्मेट के राजनीति सम्बन्धी कार्य की बड़ी ही तीव्र भालोचना की। आपकी वक्तता बहुत लम्बी चौड़ी है परन्तु उसमें के मुरूप मुरुप विषयों का भाव हम नीचे देते हैं जिसे पढ़ने से मालूम होगा कि आप गवमेंट के काया की कितनी तीव्र पालोचना करते हैं । भापका कपन है कि:- "यदि पंजाब प्राज है तो उसका कारण यह है कि उसको कहना मान लिया गया । यदि बंगाल में इस समय तक बेचैनी मौजूद है तो इसका कारण यह है कि बंग-भंग एक ऐसा नासूर है जो अच्छा न होगा।' यंगला भाषा बोलने वाली प्रजा पर एक गवर्नर नियत कीजिए तब आप को हमारी बेचैनी दूर होती मालूम होगी। जबरदस्ती का कुछ इलाज नहीं है। देश में शान्ति बनाए रखने का सबसे सरल और आसान उपाय यह है कि प्रजा को इस बात का विश्वास करा दिया जाय कि तुम्हारे सब दुःख दूर कर दिए जायगे; न कि देश निष्काशन और कठिन से कठिन कानून बना कर उसको दवाया जाय। प्रशान्ति की घटा को प्रमी सरलता के साथ रोका जा सकता है जो मान कर एक छोटे से यादल के समान है । परन्तु एक समय इस छोटे से बादल से ही, सारे देश पर धन घोर घटा हो जायगी।" भारत सचिव भाले साहब को भारत की सच्ची दशा का ज्ञान क्यों नहीं होता इस धाबत • आपने लिखा है कि:-"सेक्रेटरी प्राफ़ स्टेट तमाम बातों को हाकिमों से मालूम करते हैं। सर्वसाधारण की राय कह कर जो बात उनको बताई जाती है वह भारतवर्ष के सर्वसाधारण की राय नहीं है वरन् यह विलायत के उन झूठे सम्वाददाताओं की है जो विलायती समाचार पत्रों में प्रकाशित होती हैं। आप ने मिस्टर माले की एक वदता का हवाला देकर लिखा है कि:- "मिस्टर माले ने अभी हाल में इंग्ला के शत्रुओं का वर्णन किया है । इंग्लैंड के वे शत्रु कौन हैं। भारत के लिसे पढ़े मुशिक्षित लोग ! परन्तु भारत के शिक्षित लोग इंग्लैंड के शत्रु नहीं में यरन इंग्लैंड के असली शत्रु वे अंगरेज़ हैं जो म देश की प्रजा के साथ पृषा करने में कोई अवसर खाली नहीं जाने देते । प्रभु की जाति