धनुर्वेदपरिचय
सूरज मुसल, नील पहारी, परिध नील,
जामवंत असि, हनू तोमर प्रहारे हैं ।
परशा सुखेन, कुंत केशरी, गवय शूल,
विभीषण गदा, गज भिदिपाल तारे हैं ।
मोगरा द्विविद, तीर कटरा, कुमुद नेजा,
अंगदशिला, गवाक्ष विटप विदारे हैं ।
अंकुश शरभ, चक्र दधिमुख, शेष शक्ति,
बाण तिन रावण श्रीरामचंद्र मारे हैं ।
वैशपरिचय
राज राज दिगबाम. भाल लाल लोभी सदा।
अति प्रसिद्ध जग नाम, काशमीर को तिलक यह ॥
आछे आछे असन, बसन, बसु, वासु, पशु,
दान, सनमान, यान, बाहन बखानिये ।
लोग, भोग, योग, भाग, बाग, राग, रूपयुत
भूषननि भूषित सुभाषा सुख जानिये ।
सातो पुरी तीरथ, सरित, सब गंगादिक,
केशोदास पूरण पुराण, गुन गानिये ।
गोपाचल ऐसे गढ़, राजा रामसिंह जूसे
देशनि की मणि, महि मध्यदेश मानिये ॥
हय-गज-लक्षणपरिचय
तरल, तताई, तेजगति, मुख सुख, लघु दिन देखि ।
देश, सुवेश, सुलक्षणै, बरनहु बाजि बिशेखि ॥
मत्त, महाउत हाथ में, मंद चलनि, चलकर्ण ।
मुक्तामय, इभ, कुंभ शुभ, सुन्दर, शर, सुवर्ण ।