पृष्ठ:कवि-प्रिया.djvu/३४४

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
(३२६)

शास्त्र और काम से प्रेम रखने वाला! तीसरे का उत्तर को कहिये शशि तें दुखी' निकलता अर्थात् चकवा का हृदय चन्द्रमा से दुखी रहता है। अंतिम प्रश्न का उत्तर 'कोमल मन सन्त' है अर्थात् सन्त कोमल मन वाले होते है।

उदाहरण-२

दोहा

कालि कालि पूजै अली, कोकिलकंठहि नीक।
को कहिये कामी सदा, काली काहै लीक॥६८॥

हे सखी कल किसे पूजा था? किसका कंठ अच्छा होता है? कौन सदा कामी कहलाता है और लीक अर्थात् वास्तव में काली कौन है? इनका उत्तर भी पहले उदाहरण की भाँति प्रश्नो के अक्षरो से ही निकल आता है। पहले का उत्तर है कि 'कलिका हि पूजै अली' अर्थात् हे सखी मैंने कालिका की पूजा की। दूसरे का अर्थ है कि 'कोकिल कंठहि नीक' अर्थात् कोयल का कंठ अच्छा होता है। तीसरे का उत्तर को, कहिये कामी सदा' अर्थात् चकवा का हृदया सदा कामी-संयोग का इच्छुक रहता है और अंतिम प्रश्न का उत्तर 'काली का है लीक' अर्थात् काजल की रेखा काली है।

गतागत

दोहा

सूधो उलटो बांचिये, एकाह अर्थ प्रमान।
कहत गतागत ताहि कवि, केशवदास सुजान॥६९॥

केशवदास कहते हैं कि हे सुजान! जहाँ सीधा और उलटा पढ़ने पर एक ही अर्थ निकलता है, उसे कवि लोग 'गतागत' कहते हैं।