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साहित्य-भवन-ग्रंथमाला

इस ग्रंथमाला में काव्य, नाटक, इतिहास, उपन्यास, राजनीति आदि विविध विषयों के ग्रन्थ प्रकाशित होंगे। इसका पहला ग्रन्थ कविता-कौमुदी (प्रथम भाग) है। कविता कौमुदी के दस बारह भाग निकालने का हमारा विचार है। संसार की प्रत्येक साहित्य-सम्पन्न भाषा के कवियों से हम हिन्दी-भाषा-भाषियों का परिचय कराना चाहते हैं। कविता-कौमुदी के प्रथम भाग में हिन्दी के प्रारम्भ काल से लेकर भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के पहले तक के कवियों की जीवनी और उनकी उत्तम कवितायें संगृहीत हैं। दूसरे भाग में हरिश्चन्द्र से लेकर वर्त्तमान काल के कवियों की जीवनी और चुनी हुई कवितायें रहेंगी। इस भाग में कवियों के चित्र भी दिये जायेंगे। इसके पश्चात् संस्कृत, उर्दू, फ़ारसी, बंगला, मराठी, गुजराती, तेलगू, अँग्रेजी तथा जर्मन, फ्रेंच, ग्रीक आदि भाषाओं का, जा भाग पहले तय्यार होगा, वही प्रकाशित कर दिया जायगा। कौन पहले, कौन पीछे, इसका कोई क्रम न रहेगा। कविता-कौमुदी के प्रत्येक भाग का आकार प्रकार और मूल्य समान होगा। किन्तु ग्रन्थमाला के अन्य ग्रन्थों का मूल्य उनके आकार के अनुसार होगा।

विदेशी भाषाओं के सम्बन्ध में अभी एक बात विचारणीय है, कि उनकी कविता किन अक्षरों में प्रकाशित की जाय। विदेशी अक्षरों में या देवनागरी में? उन कविताओं