यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

में हिन्दंर २ । क्या , ३ दिन परे चैन के है ! पर , * * * रहीं थी। एक दिन मिर्श जमात उनी Eपनी है ? *- * * . के पत्र के कु छ गरम पर गे गुप्त गर :* * * *। इन * पाने में तो, उने र गुजार चार, ३ ३ निकी को भाप बन रद्दी थी । उ मुटा , मन्त्रों में भर पा तात्र चा, मर्म र भीनी-मनी गन्य र मुना प्रो 3 रे ) । नन्दा

  • ६ कर्म-कभी पुरी में जुड़ जाने पर अपि अपने अस्तिन्छ । भार१३ ६ देखें । मयं ने अपनी मामी मग 3 का ः या आज मी दिन होगा ।

है, ३, ६ सौ न । ४ सोमः । स ती गुहयो में भी fननी नाम है, कितना विश्वास है। अपने परिश्रम में इन्हें जितनी चुहिं है ! अई न , अपर नगर में होर ? " में रहना चाहिए । इस *यान पर चाहे जैसे हए ।-गोई ने बड़ा । चमिच मुहचर, संबई और इन्शी रेरा का पति भी था । वह मुंगा भी था, कभी-कभी इनसे उल, आना, परन्तु अङ्ग हुडा से इनकी के घर । धनके ए प्रचि ३ मा प्रा । । घुप रष्ठ पत्र ? यहाँ ॐ, दुइय की खोई हुई शान्ति का पता जप्त दवा *! छुनने वा होगा, पिता कि यम से कैच करे इ सम्पत्ति के गये है। इन पान में होम करने को शिक्षा, वे ड्रीटि को दाविक शिक्षा की हद्द गम्भीरता में आजीवन देते रहे । न सकी गरदा हो रही है । मैं नए हैं कि हृदय में जिस गरिमा है, कोमलती है, वह संस' क्या नैवेज़ एक तय दिल्ली की उपासना की मममी है ? इथा और कोई उपयोग नी ? सुने के जो अपकरण है, ने निभी गलत अंचन में ही अपना मुंह डिपाए किसी अशवर्ष की आया में धरे रहते हैं ? रईसर में स्त्रियों को क्पा देना ब्याज अधि कीर ? | भोमदेव ॥ --आपके पास इतनी मत है कि कार को मा अर्थ हैं। जो चाहिए गए । धईप गद् का पह, चं' न मावान का? यासा दय. If ॥ आपकी भिर मुइचरे र दिउ हैं ? निल क्या ? मज़ा गभस्से में अचान करने के !ि महा-दर्भ धामि की भरी । झुई झड़ी बाईन ।