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गी असूना कहती है ठीक उसी तरह जैसे पहले दो द्वि र ६ है। के एि, उसने कई बार इटिने जैः स्वर में अनुरोध नि ! ' | विर भयभीत हुआ । मृत्यु जब तक कल्पना की है. फ़ हि धन हा गितका प्रत्यापन कर निया शाय; पर 5 इ ई | विजय ने देखा, यमुना ही नहीं निरञ्जन भी है, हर ची दाई में हुई जाक ! यह भान गया, निरंकुन चाप पर जा ३yf । रिंग में रुपयो । येनी नाग्या को दे दी। नाय तेजी से मत पड़ी है। । भण्डारी और निरंजन ने आपस में कुछ गंगा की, और मैं न्यून हुजी , बाप रे !-जाहते हुए एक ओर चल पड़े । स्नान करनेवाली का समय * अली या । फुटे सोग आ भी चले थे । निरंजग भोर भण्डारी र पता नहीं । । पचप दही वैठी रही । अह अपने पिता भण्डारी जी को पति शोर रही । पिता हुनर पृाने को उस इरडी गो की है कुते दिगा । का सप बीतने पर पुलिस ने अफर गमुना से पुघ्ना आरम्भ नि-या- झुम्हारी नर्भि यमुना ।। यह ने भए ? इसन एक स्त्री र अत्याचार मन चाहा । फिर ? फिर यह मारा गया । निमनै मारा ? जिसका उखुनै अपराध किया । तो बथा वह स्त्री तुम्ही तो नहीं हो ? यमुना चुप रही । गव-इन्सुषेवर ने ना-ई स्पीकर करती है। इसे हिराति में से हो । यमुना कुछ न बोवी । तो पग धनों पा थोडे गगम के लिए मज़बलाप हो गया। नारंग की टेक में चने । मुना घे इम्यिन्ध में जगह अवॉर हो हो हो । निजन र म म ए और मौगिरी नये . जुधि चैथे 1 झुण्डारों में अधिपः गंभीरता में कहा पर इस यमुना को मैं पहचान रहा है। क्या ?