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वनलता

रसाल कवि की स्त्री। अपने पति की भावुकता से असन्तुष्ट। उसकी समस्त भावनाओं को अपनी ओर आकर्षित करने में व्यस्त रहती है।

मुकुल

उत्साही तर्कशील युवक! कुतूहल से उसका मन सदैव उत्सुकता-भरी प्रसन्नता में रहता है।

झाड़ूवाला

एक पढ़ा-लिखा किन्तु साधारण स्थिति का मनुष्य अपनी स्त्री की प्रेरणा से उस आश्रम में रहने लगता है; क्योंकि उस आश्रम में कोई साधारण काम करनेवाले को लज्जित होने की आवश्यकता नहीं। सभी कुछ-न-कुछ करते थे। उसकी स्त्री के हृदय में स्त्री-जन-सुलभ लालसायें होती हैं; किन्तु पूर्ति का कोई उपाय नहीं।

चँदुला

एक विज्ञापन करनेवाला विदूषक।

प्रेमलता

मुकुल की दूर के सम्बन्ध की बहन। एक कुतूहल से भरी कुमारी। उसके मन में प्रेम और जिज्ञासा भरी है।

आनन्द

एक स्वतंत्र प्रेम का प्रचारक, घुमक्कड़ और सुन्दर युवक। कई दिनों से आश्रम का अतिथि होकर मुकुल के यहाँ ठहरा है।