पर चढ़ाई करने के पहले अपने किले की कमजोरी को दूर करना ही दूरदर्शिता है :-
जगेगे देश के सब वैष्णव तब देश जांगेगा।
पुकारों से इन्हीं की धर्म का उद्देश जागेगा ॥
सभी मत जब मिलेंगे, बैर की तल्वार टूटेगी ।
बहेगी प्रीति की धारा दुधारी बार टूटेगी॥
(प्रकट) भू मण्डल के सच्चे देव ! यह आपका दास श्रापसे कुछ प्रश्न कर सकता है ?
माधो०--हाँ, अवश्य।
कृष्ण--रामायणजी में किसका परित्र प्रधान है ?
माधो०--श्रीरामचन्द्रजी का।
कृष्ण--श्रीरामचन्द्रजी कौन थे ?
माधो०--कौन थे ? साक्षात् विष्णु भगवान् के अवतार थे। कृष्ण-अच्छा तो विष्णुजीका दिया हुआ कौनसाधर्म है ?
माधो०--वैष्णव ।
कृष्ण०--वह किसके द्वारा उन्नति के शिखर से भवनति की भमि पर आया।
माधो०--शैवों के।
कृष्ण--तो अब वैष्णव दल को जगाना है ना ?
माधो०--हाँ।
कृष्ण--आप भी कृपा करके वैष्णवों को जगाने में सहायता देंगे?
माधो०--अवश्य अवश्य । अबतक तो हम गुरुवाणी जी से निकली हुई रामायण जी काही सत्संगजी करते रहे, अब आप