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(४)

गाना

बालिकायें-

हरीहर दोनों एक समान ।

हरिद्वार या हरद्वार हो, द्वार एक ही जान ।
एक रूप में राजे दोनों, गावें वेद पुरान ॥
पालन पोषण करते हैं जो, एक विष्णु भगवान ।
वही रुद्र बन संहारे हैं, जाने सन्त महान ॥
हरिहरात्मक रूप मजे जो, पाव पद निर्वान।
भेद छोड़ जो जपें प्रभू को, वही भक्त सज्ञान ।।