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♣श्री.♣

"श्री सूरविजयनाटक समाज" के
स्टेज पर खिलनेवाला
धार्मिक, मनोरञ्जक,
और उपदेशप्रद
नाटक

सर्वाधिकार स्वरक्षित
 


ऊषा-अनिरुद्ध



 

लेखक और प्रकाशक-
प॰ राधेश्याम कथावाचक।
अध्यक्ष–
श्रीराधेश्याम पुस्तकालय
बरेली।

प्रथम बार २०००] सन् १९२५ [मूल्य।।।)