पृष्ठ:उपयोगितावाद.djvu/२३

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का काम था। इतना स्पष्टवादी तथा निस्पृह बन कर यदि सर्वशक्तिमान् ईश्वर भी इंग्लैण्ड की पार्लियामैन्ट का मैम्बर बनना चाहता तो न बन सकता था। लगातार तीन वर्ष तक मिल पार्लियामैन्ट का मैम्बर रहा। पार्लियामैन्ट में उस की वक्तृतायें बहुत ही महत्त्वपूर्ण तथा प्रभावशाली हुईं। इस का कारण यह था कि वह जो कुछ कहता था उस की पुष्टि में आकाट्य युक्तियाँ देता था। इंग्लैण्ड के प्रसिद्ध राजनीतज्ञ ग्लैड्स्टने उस की युक्तियों की बहुत प्रशंसा किया करते थे। मिल विशेषतया उस पक्ष को लेता था जो ठीक होकर भी बलहीन होता था जिस समय आयर्लैण्ड के एक सभासद ने आयरर्लैंड के अनुकूल एक बिल पार्लियामैण्ट में उपस्थित किया था तो मिल ने ही सब से पहिले उस बिल का समर्थन किया था। यह बिल इंगलैण्ड तथा स्काटलैण्ड वालों को इतना अरुचिकर था कि उन में से मिल के अतिरिक्त केवल चार सभासदों ही ने इस बिल के पक्ष में सम्मति दी थी।

इस ही अरसे में जमैका द्वीप के हब्शी अग्रेजों के जुल्म से तङ्ग आकर सरकारी अफसरों के विरुद्ध उठे खड़े हुए थे। वहां के अंग्रेज़ी गवर्नर ने उन की शिकायतों के दूर करने के स्थान में पंजाब के ओडायर के समान सैंकड़ों निरपराधियों को गोली से उड़वा दिया था तथा विद्रोह शान्त हो जाने पर भी अबला स्त्रियों तक को चाबुक से पिटवाया था। जमैका के गवर्नर के इस नृशंस कार्य की जांच के लिये जमैका कमैटी नाम की एक सभा स्थापित हुई थी। मिल उस का सभापति था। मिल ने बहुत कुछ प्रयत्न किया कि उस दुष्ट गवर्नर को यथोचित दण्ड मिले किन्तु लोकमत विरुद्ध होने के कारण अपने प्रयत्न में कृतकार्य न हो सका।