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जान स्टुअर्ट मिल

इंग्लैण्ड के सरस्वती-मन्दिर में स्टुअर्ट मिल का आसन बहुत ऊंचा है। इसका जन्म २० मई सन् १८०६ ईस्वी को लन्दन में हुआ था। इसके पिता का नाम जेम्स मिल था। वह भी अपने समय का प्रसिद्ध तत्ववेत्ता था।

स्टुअर्ट मिल को उसके पिता ने शिक्षा पाने के लिये किसी स्कूल नहीं भेजा वरन् घर पर स्वयं ही पढ़ाना आरम्भ किया। तीन वर्ष की अवस्था ही में उसने उसको ग्रीक भाषा पढ़ाना आरम्भ कर दिया। आठवें वर्ष लैटिन भाषा का प्रारम्भ भी करा दिया। मिल का पिता प्रति दिन प्रातःकाल तथा सायंकाल टहलने के लिये जाया करता था। साथ में अपने पुत्र को भी ले जाया करता था और मार्ग में तात्विक तथा गहन विषयों को समझाया करता था जैसे, सुधार किसे कहते हैं? गवर्नमैन्ट का क्या अर्थ है? इत्यादि इत्यादि।

मिल का पिता बिल्कुल पक्षपातहीन था। वह सदैव इस बात का प्रयत्न करता रहता था कि उसका पुत्र भी उसके समान ही निष्पक्ष बने। जिन दिनों अमरीका का स्वतंत्रता-युद्ध (American War of Independence) हो रहा था, तो मिल के पुत्र ने अपने पिता से कहा कि हमारा देश सत्य के लिये लड़ रहा है। उसके पिता ने तत्काल ही उसको समझा दिया कि तुम अपने हृदय की दुर्वलता के कारण ऐसा समझते हो। इंग्लैण्ड अमरीका के साथ अन्याय कर रहा है। पिता की इस सुशिक्षा ही का परिणाम था कि स्टुअर्ट मिल ने जाति तथा देश के झूंठे अभिमान को कभी अपने पास नहीं फटकने दिया। अस्तु।