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इन्दिरा
१२८ विरह हस्थ डाल कर भरपूर नफा घर ले आये है किन्तु इस सुदरियों कई बल्ब देखकर कोले पसाये और डर भी गये । माई पर तो " " को अन्त्य हि की जिया , उस ( भरे ) अथा : जसलहो गहरे को हमें डुरो बारे हुई बह शाहब.?, वायने स्थान ये सरकारों को सुना विज. यमच पाभिनत में लहंदो महायर से रंगे भु-, घरों की झकार र जिम ले लियानाना है, ले देख उनकी श्री साई रूक जानोस भयानक सभूमि में ती जा करने के लिये शुभमा मुझे वो जर देश भर शारे ले अपने गुलाम, किन्तु में है श्री लेना सशति को नति उल पर उनके गार वश्वासात किया और एस रण में उन रसारमाही को। त है कि सोम शरिलो ते बाते हैं, मैं ये शिक्षा उस ७ हजनी रहा । मैं पार मोर मोती का हालो, " ' मयों करना चाहते है?' इस जन में वारशिया आदि मालेले का खेथे सब मिल्नु
- का अधिप..! जीजालले.
अनुवाद कर लेह कुछ भी जमा धन पाई मायक