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इतिहास तिमिरनाशक


लगता है उसका सूद ख़ज़ाने से ले लिया करें। बादशाही हिंदुस्तानमें बादशाह की रहे। यहभीखुशनश्यीबी हिंदुस्तान की थी सोदागरों के तहत से निकल कर ख़ास बादशाह के तहत में आया झाले पानी भी एम्परेस विक्टोरिया के खास रअय्यत कहलाये। कोई मुसलमान बादशाह होता इसबलबे के बाद यहां कतल आम और शहरों को लाह कर मथे का हल चलाने के लिये हुक्म देता। लेकिन कृपानिधान दयाघान क्षमासागर जगतउजागर श्रीमती महारानी एम्परेस विक्टोरिया ने जो इश्तिहार भेजा और पहला नवम्बर को लाई केनिंग गवर्नर जेनरल ने आप पढ़कर इलाहाबाद में सब लोगों को सुनाया उसके सुनने से सारी प्रजाका मन काल को छली सा खिल गया । उसको नकल नीचेलिखोजातीहै ये पढ़नेवालोपने पैदा करनेवाले मालिक से यही दुआ मांगो कि हमारीपरेस विक्टोरिया क्रसर हिंदको सल्तनत लाज़वालहोवे । औरऐसी रअय्यतः पर्वर शहनशाह हम लोगों के विरपर सदाबनीरहे।

इख्तिहार

(जेसा पहली नवम्बर १८५८ ई० के गवर्नमेंट बज़ट में छपा है।)

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श्री महारानी का कोसल के इजलास में हिंदुस्तान के रईस ओर सर्दार और सब लोगों के लिये।

श्री महारानी विक्टोरिया ईश्वर की कृपासे समीग्रेट ब्रि टेन और आयर्लेन्ड और उन सब देशों को जो यूरप और एशिया और अफरीकर और अमरीका और पास्टे शेशिया में उर के आधीन हैं और स्वमत प्रतिपालक।

ज्योकि कई तरह के भारी सबबों से हमने धर्म सम्बन्धी और राज्य सम्बन्धो प्रधानों और प्रजा के मुखताल को दो पार्लामेंट में जमा हुए सलाह और मंजरी के साथ इरादा किया है कि हिंदुस्तान क मुल्क का बन्दोबस्त जो हमने आजतका अनरेवल ईस्ट इमडिया कम्पनी को अमानत सौंप एकलाथा अपन प्रकार में लावें।