पृष्ठ:इतिहास तिमिरनाशक भाग 2.djvu/४१

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दूसरा खण्ड


के तमाम सौदागरों को इस मुल्क में तिजारत करने को इजाज़त हासिल होगयी। उसी साल के आखिर में लार्डमि- न्टो अपने काम से मुस्ताफ़ी हुआ। और अर्ल आफ माइरा गवर्नर जेनरल मुकर्रर होकर आया।


अर्ल आफ़ माइरा

नयपालवाले बहुत दिनों से अपना राज बढ़ाते चलेआते थे। यहां तक कि अंगरेज़ी अमलदारी पर हाथ फैलाने लगे। जब समझाने बुझाने से कुछ काम नहीं निकला सर्कारनेलड़ाई १८१४ ई० की तयारी की राजा बालक था काम राज का काजीभीमसेन करता था। फ़ौजजंगी अ़लमदारी पर हाथ पर उसकी मजबूतीर बहादुरी पर पूरा एतिबार था। ३५०० आदमी जेनरल जिलस्पी के साथ सहारनपुर से देहरादून गये और वहाँ से अढ़ाई कोस के तफ़ावत पर नयपालियों के कलंगा नाम किले पर हमला किया किले में कुल छ सौ नयपाली थे लेकिन जेनरल जिलस्यो मारा गया। और सर्कारी फ़ौज को पीछेहटना पड़ा। बीस पच्चीस दिन में जब दिल्ली से भारी तोपें आन पहुंची तीन दिन के गोले बरसने में किले के अंदर कुल सत्तर आदमी जीते बाकी रह गये। पर सर्कारी फ़ौज के हाथ वेभी नहीं लगे किलेदार के साथ किसी तरफ़ को निकल गये ‌। इन को इस जवांमर्दी से नयपालियों का दिल बहुत बढ़ा और सर्कारी फ़ौज को नुकसान उठाना पड़ा। कलंगासे सर्कारी फ़ौज पच्छम सिरमौर की राजधानी नाहन के पास तक का किला लेने को गई । लेकिन वहां इसको कोशिश बेफाइदा हुई किले पर झंडा नयपालियों का फहराता रहा ४५०० आदमी जेन. रल ऊड के साथ गोरखपुर को सहब से पालपा का क़िला लेने को रवाना हुए। लेकिन रास्ता जंगल झाड़ी और तराईमेंऐसा खराब पाया कि जब बीमार पड़ने लगे बुटवल से लौटकर गोरखपुर को छावनी में चले आये। आठ हज़ार आदमीजेन- रल मार्लि के साथ दानापुर से. बेतिया होकर नयपाल की राजधानी काठमांडू लेने को चले लेकिन सर्हद्द पर पहुंचते