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अथ पाल्हखण्ड। चन्दनबगियाका युद्धवर्णन॥ सवैया॥ ता पद पवाज प्रेम नितै सो इतै हम चाहत शारदरानी। प्यावत तोहिं मनावत गावत पावत मोद महेश भवानी ।। हे सुखदे वसुदे यशुदे तव भाग कही तो कहॉलों वखानी। गावत गीत यही ललिते फलिते पदपङ्कज जे रतिमानी ? सुमिरन ॥ में पद बन्दों जगदम्बा के अम्बाचरण कमल धरि माय।। करि अवलम्बा श्रीदुर्गा का गावा चहौं यहाँ कछ गाय ? मोहिं भरोसा महरानी का दानी तीनिलोककी माय ।। सब सुखखानी दुर्गा रानी पूरण कृपा करो अब याय २ जनकनन्दिनी के पद बन्दों जिन बल चला जाउँभवपार ।। नैया डगमग डगमग होवे कूड़न च सदा गॅझधार ३ नहीं खेवैया कोउ नैया को मैया तुहीं लगा पार ।।