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आल्हखण्ड । ५६८ वाजत डंका अहतका के पहुँचा नार उपरसो आय २५ दीख्यो आल्हा को चौड़ाने गरीई हाँक कहा गुहराय॥ डोला धरिकै अब बेला का जावो लौटि वनाफरराय २२ हुकुम पिथौरा का याही है आल्हा साँच दीन बतलाय ॥ पुनिक बातें ये चाँड़ा की बोला फेरि बनाफरराय २३ डोला लौटनको नाही है चौड़ा काह गये बौराय ॥ एक पिथौरा की गिन्ती ना लाखन चढ़े पिथौरा पाय २४ नगर मोहोवे डोला जाई चौड़ा साँच दीन बतलाय ॥ गा हरिकारा फिरि तहना ते जहना बैठ बनाफरराय २५ डोला घेरा है बेला का बोला हाथ जोरि शिरनाय ।। इतना सुनिकै ऊदन ठाकुर तुरतै कूच दीन करवाय २६ जहँ पर फौजे हैं चौड़ा की पहुँचा तुरत लहुखाभाय ।। हाथ जोरिक ऊदन बोले दादा कूच जाउ करवाय २७ इतना सुनिकै चौड़ा वकशी तुरतै हुकुम दीन फर्माय ।। जान न पावें मोहवे वाले सब के देवो मूगिराय २८ हुकुम चौंडिया का पावतखन क्षत्रिन बँचि लीन तलवार ।। झुके सिपाही दुहुँ तरफा के लागी होन भडाभड़ मार २६ गोली ओला सम बरसी तह कोताखानी चली कटार ।। भा खल भल्ला औ हल्लाअति जूझन लागि शूर सरदार ३० कटि कटि कल्ला गिरें बछेड़ा धूमैं मूड़ विना असवार ।। खट खट खट खट तेगा वोलें बोलें छपक छपक तलवार ३१ झल्झल्झल्झलझीलमझलक नीलम रंग पर दिखलाय ।। चम् चम् चम् चम् छूरीचमके कउँधालपकनिखड्गदिखाय ३२ मर् मर मर मर दालेब्बालें तेगा टन टन्न नाय ।।