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US आल्हखण्ड ! ५३६ पावे पिछाड़ी का डाखो ना यारो राख्यो धर्म हमार॥ मारो मारो ओ रजपूतो देहें विजय श्रवशि करतार ७० इतना कहिके ब्रह्मा ठाकुर लाग्यो करन आप तलवार ।। ब्रह्माठाकुर के मुर्चा मा कोउ न ठाढ़ होय सरदार ७१ जैसे भेडिन भेड़हा पैठे जैसे अहिर विडारे गाय ।। तैसे मारे ब्रह्मा कुर रणमा कोउ न रोक पाय ७२ ब्रह्माठाकुर के मारुन मा कोऊ शूर नहीं समुहाय ॥ लश्कर भाग्यो पृथीराज का पायो विजय चॅदेलेराय ७३ त्यही समैया त्यहि औसर मा माहिल उरई का सरदार ।। लिल्ली घोड़ी पर चदि बैठयो तिकतिककरनलागत्यहिबार७४ जहाँ कचहरी पृथीराज की भारी लाग राज दरबार ।। उतरिक घोड़ीते भुई आवा पहुँचा उरई का सरदार ७५ आवत दीख्योजब माहिलको राजा कीन बड़ा सतकार॥ आवो आवो उरई वाले माहिल राजा हितू हमार ७६ इतना कहिके महराजा ने अपने पास लीन बैठाय।। 'माहिल बोले त्यहि समया मा मानो कही पिथौराराय ७७ लड़िके जिनिहो ना ब्रह्माते चहुवल देय तुम्हें करतार ॥ धाँधू चौड़ा सब कोउ हारे जीता पूतु बँदेले क्यार ७८ बड़े लड़या मोहवेवाले उनके बांट परी तलवार ।। उड़न बछेड़ा जिनके घर मा तिनते लड़े कौन सरदार ७६ पिरथी बोले तव माहिल ते ठाकुर उरई के सरदार ॥ कौन उपाय करें यहि औसर ज्यहिमा बिजयदेय करतार ८० इतना सुनिकै माहिल बोले ओ महराज पिथौराराय । रूप जनाना करि ताहर का, टोला आपु देउ पठवाय !