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प्राममगीर बारी बार में निमावी, उसके पीछे ये बुरी तपडते पौर में लोग भी धर्म पया- पाखाना-पापडा देते पसे पे। जिस दिन शादी दरबार मा उठी दिन की पारगम पफर बाकी पारी पारी में मिले मोर बा रही पी। सरमद मे उसे देखा और अपने वापिरों के साप उसके पीछे पच। सब पानठे पे कि पारणा गायों के साथ उस गुत तम्बम्ब है। इसलिए में विद्या रिक्षा पर पुधरमे हगे- तुमर पाया, इच मधे मी देवीचा, और बेगम ने एक प्री मर प्रमाउन भोर कर मारी मागे बढ़ाई। खासगाह पार से जोरर बारगार सीधा अपनी लामगार में पा पहुँचा । बागाही मासों के बीच एक विशाल कमरा था बो २४ बाप सम्पौर काप चौगा था। इस पायें पोर पोको परेमादम मीरी गे थे, कोबरे सर से विशारत से मँगाये गए थे। इस कमरे बार में बा सोना बर्ष हुआ था उतनी नागत रेद या पर पी। इसके सिवा कोहीरे मोती इसमें हगे पे उनकीमत अम्दामसमाना मिस्कुल मतम्मर पा । मरेकीबव में विद्यास पीबीच होने की पारियों पड़ी थी जिनमें बारात बो। योगों के किनारों पर बहुमूल मोवियों * गुप्पे पराए गए थे। इसी दगार पिपरापी पी। र पूरत में पापप पर ऐसा पनोमा स्थान पा शिबिसन्न वर्मन नहीं किया जाता । तमाम नीगे जो इस कमरे लगाए पर वे इस दंग पर लगाए पर थे पारगार अपनी प्रेमियों के साप विहार करे तो उस रस कोअपमी पाँचों से रेखो।