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प्राधमीर: पुदमा। बहुत से रामपूर मरे और मोपपदे पहाड़ों में छिप गए । किनु सो समय मेवार या पथसिंह ने पोरगर को चुनौती दी और औरंगजेब ने मेवाड़ पर चढ़ाई करदी। बाई में बड़ी-बड़ी दियो सामना करमा पड़ा और मोरंगर पिर पवा । इसमें सासे अधिक प्रपमान मोरंगजेब के छोटे पुत्र मुहम्मद मार साँको सहना पस बिसी उस पम्मीत सारी दी। निरन्तर पर जाने पर पर मिलन पाता पा। अन्त में उवमे गबपूर्वो से मिसर चौरंगपेरेपिस्य गिर महापासिा, यि बाने में प्रोरेगवेबमहत अधिक प्रयास करना पड़ा। मुगह पसभा में मारवाइएसपिशेप सैनिक माल बा। मुगम रामपानी से समर उघोग-पये बाये नगर प्रामदार भोर जम्मात प्रम-चम्पे पालेदरगारो बामे पाला तर सीधा और मबीका म्यापारी माल मारपाली सीमा पर होकर पावा पा । या स्वाभाविक था कि भोरंग के रिस में पह भावना पैदा हो कि यदि मारबार सम्म मुगल साम्राम में मिला लिगा पाय को मना पजपूताने के ठीक बीचोबीच एक सैनिक भोर मापारिक मात्वपूर्ण सम्म प्रदेश-विस पर मुखमानो भएपधिपत्य मा, स्थापना हो चापगी, अपितु उपपपुर के गौरवपूर्ण गणामों को बगह से पेर देने के लिए बड़ी मारो सुविधा मित पावगी। हरी से मायब बसवन्त सिंह मरते हो मोरम मारवाड ग्रम को नासता मेरे लिए तुरन्त त प्रयमेर पो बस दिया। इस घटना और सबर से रामानों में पो गाड़ी पैदा हो गई। उनमें दवनी सक्ति नहीं थी हित मयत मुपक्ष सेना सामना करें। पता समय औरणमेव ने हिन्दुओं पर नियाभर मी गा रिमा था, जो पिपते ठाम से पार पा। पे मगर होती है कि अमर से खोरते समय बरबन्द सिंगो विषमा पनियों मे लाहोर में रो पुओं पम्म पिा । एको कुछ दिन बाद मर गया, दूसरे