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साईलाई | पब दारा की वारी माया भामरामाद पर निर्मर भी। मेगा में' उसके पास दो पर सवार एकत्र हो गए थे। पर जब गाही में सामने हमे । इष गमी से मर गए। उसे रख उस्त मी में पर समाचोरा गस्ता विपक्षी पामोंराग्य में होकर पार ना पा प्रमोमेत उठणे पावन मे, सिर प्रेमी हग गाव-दिन उसन पीछा कर रोये। प्रबतर पासे ही उसके सिपाहियों पर दूर पाये और एबाट उम मार राहते थे। पास पग बीछे राना मी सवरना बादिन पर दिन उसी हायसवरनाकोपीबादी थी। उहावी, मोके, भैर, सिपाही गौ से मरते पावे। बिसी रहन धानिरनियों से भरपर बारा ऐसे स्पान पर पराओं में प्रामपामार या एक दिन की राह पर पारसमे कही माया पो कि उसे प्रा मामय मिल पापगा। परन्तु परमपमे की मिस म्पतिमामएकदम विपर बनवा गमा पार मोरर बेग से मिट गया पोर पाप उतरे पून में तपेव गिरा बिनमर के निष्ट पाप, परन और सेना हमनमय शविर पवार करने कोहगार सही। पार श्रीयम रोमे-पाटने सवी। रामीण नोचमेजया उसके पास पब एक मी बीमार यासयम पोर मिया एकनावी माह में पी, बिही स्तिो पासी पीलों में पीपी। मियों के विद्याप को बना दिया एक दुसरे का स्वारे थे, लिवी पाम दमासी पी। पारा विना मीवर पग-मिलो पानी दे रहार पाय, का उसके मुंह पर दंगी बाई दी। परि ज्य प्रया पा, किसी से कुए। एक साधारण सिपाही से मी एका किसापको। मानही बामदा वा बिमाबार। प्राचिरा बरों से मापदा। पर उनके पास एक पोश, एक थमी और प्रस। यो रात और ये परममाव ,