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२१८ प्राचमगर वा निसार और हमदर्द मीर इस मौके पर दर की वायपोगी प्रमा धोय-सा पर अपने पिता की गुणी पहिरना चाहते हैं।" इसके बाद उसने रणय किया और मुगर के सिर पर नई पगड़ी पाँधी गई। औरंगजेब ने एक प्रेमवी गीपदी और मझाम किया । मुबपमा के बाद सब भमोरों मे नबरामे पेत लिए और सक्षाम की । मुगद ने गादामे गमाव से समधी साम प्रसून की और मनमाने प्रवास और नामाव सप्रेदेमे रखा इस पर मोरंग मे मी-पाय सोच-सममसर होता ऐगा । पिसाराम कि बरसान निष्पना चाव। हुबर दिन मरपके-माँttm मुमने कम रिमा मोर धामन फानन एक से एक रस्वरबान चुने गए | अब प्रमौर नामे बैठ गए । भोरंगग भी मुगर मीठा। पापीरे-धीरे सावा और पवधीत रवा पाया प्पा मगर मीनान सेवा या पोत सुराया और समीरो से ग मी मारखा पाता था। बी-मषाको पर पहया या। साना सत्म होने पर बसपाती और शोयले राब पार और पुमरी कंपनियाँ उपरिपत किए गए-वो धौरंगजेब मे मुस्कुरा कर मुगद से मा-"इस मुधर रिन श्रीशी में बोफ्नार अपये निसार इन अमीरों छाप लीबिए । मेरी बाक्त पोषण को मामी कि अपने ममापी समाचावरे पास ऐणो एमवी रणव में मौका नहीं सकता। वहम यो सोग इस पुग्हडपार में शरीक मीर बार और रीमर मुगहिक प्रापये सिमव मारीलिए हाबिरगे " इवनापर मोरगर वहाँ से पहा गया। रि पासण पौरोप में पापा। पपरर पर रखने मे। संगीता परिप्रपामा और सपा बाधार ग मया ।