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प्रौरसबेरपटपक पान दे। उसके मरने से तमाम दरबार में वारणा मिलाफ बोय और मागमी फैल रही है। प्रसोस दो सपा कारकि लास बेगम ने अमाकोरम काम में मदद दी है, मगर पिण्दर, फिरी कोई बात नहीं। मारे एक में यह बहुत प्यारे । शारख्याको पैतागादुर अब तुमारी मद्री में भा गया है। पापावणा से बदला सेगा। मासिमा सिके बादणा महामन में इस पूध पन हो गमा किवीर सादुस्तालों में मौत में पागापौर येते किशी वह वादगार पर मी हाप साफ न करे। इससे बारा मीटर-की भीतर दाराविहाफ सोर रो। भरत तो गहकि वारा की बदती हुई वेपदवी और पास्त को चुनौती देने के लिए बादशाह मे अमीर मीरखुमसा की गर मानम उही समान में मुखम्मित पोपलाने स्मेवनी बडो पौष रविश मेखना मर पौगा। बोरस्त बारव तुमारेरीम पाएगी। प्रबहुम बहुत बार देखोगे कि तमाम दरबार मुमारी मुझे में है।" मनवको पदबर औरंगजेब मे दर्शन के मीचे होठ गाय और दो-तीन बर सिर दिखाया। फिर उसने वीग बोला। मालत मीग्गुमला पापा। उसमें लिखा पा-"मुगरक, मापने दो पाहा या बही दुमा, प्रापये मुरार पर प्राई । मगर बरत, सरदार रहिप पर मैं बादणा का नौकर और उनके गुम श्री पाबन्दी मेरे लिए बहुत जरूरी है। इसलिए का प्रयास में आपको कोई पास माद नहीं पहुंचा सहूँगा, मगर फिर भी याद रखिए कि मेय दिस पापरेशाप औरंगजेब र माल बन्द दिए कप सोषवा गा। उसे बातें एक-एक कर पाद माने लगी पोदोमवाबाद में सपनों तो मे बोबी की। पर समम गा पा किस भादमी दोस्ती मुसान के विवाह में अमर रोगी और मुमेको मिसमा नीमरद ।