भासमगीर पचा मोर दीगर प्रमौर पर पसन्द रेगे ये एक पदार्षि माना खौरी मक्षिका समझ कर उसे काम करें।" "वो अब म मी नसीहत देने लगी" "नहीं, नहीं, मैं मौष पार हजरत सशामत बगी, देफिम तुममे उस मपाल महारषदेसी। "देफिन इसमें कपूर शामियों काहीत, असे महापय सारे सामने अपना मानावार ना पा । म दोधानती हो पिर एक पुपना और बहादुर मदारी। बपतमान माँगीर प्रेमी उसने नीरिमाणमा बरत उसामव ने बाना कि उसमे महावत के मुकाबले महम उडामा tो उन्होंने एा मिर्याभ माम सुरमा रिया" "मारव नही सकती और प्रम-यो पानवे हो कि में उपर मिारपानी ही -भीम रव न भोग, पर उम्पीर" "होमपा "यह प्रत प्रशक्मि, मत मातीगीर है। उसे प से मर श्री र दो।" "महाद, प्रमापा भी पसन्द नरेंगे।" "मनि ममे उठसे बारा किया। मगर, माधिर मुझे भी माय मरना है, को करीब-करीब मामुमकिन है।" "मेर, ती म मेरी माया मुझे रिवना पोवो मैं मी महाप के पंचपरगा" "मासो पानी रातोपापगा।" "वो पा भी पसोगमा समो।" "सही परापर, लेकिन इस पानी वाला लों होशियार
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