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जलवायु तथा प्राकृतिक वनस्पति

जलवायु तथा प्राकृतिक वनस्पति कारण वर्षा भी कम होती है। अतः वहाँ ४० इंच से अधिक वर्षा उत्तम, १५ से ४० इंच तक मध्यम, तथा ५ से १५ इंच तक अल्प और ५ इंच से कम अत्यल्प समझी जाती है। - जिन प्रदेशों में वर्षा नहीं होती अथवा बहुत कम होती है उन्हें सूखे प्रदेश कहते हैं। वायु जब ठंडे प्रदेश से गर्म प्रदेश सूखा की ओर जाती है तो वह शुष्क हो जाती है। ऐसी वायु पानी देने के बजाय पानी को सोख लेती है । जब वायु ___ऊँचे से नीचे की ओर आती है तो भी वह शुष्क हो जाती है। उदाहरण अधिक दा की देवी २०/पडुअा हवाई Arunnापामा Tintmlnition ABापट कादबावाhar / उ०पू० देंड हवार । कम दवावको चटी RAN २०५० ट्रेड हवार A MARINITIARY ० ५० पहुआ हवार । कमलशावकोटी च्याधिक दबाव की पेटी के लिए जब कोई हवा भाप से भरी हुई किसी पहाड़ को पार करती है तो पर्वत का वह भाग जो वायु के सामने पड़ता है उस पर खूब वर्षा होती है और पर्वत का पिछला ढाल सूखा रह जाता है। मध्य एशिया का बहुत बड़ा भाग हिमालय पर्वत की वृष्टिछाया ( Rain shadow ) में स्थित है, इस कारण हिमालय के पवनाभिमुख ( Windward side ) भाग पर खूब वर्षा होती है और मध्य एशिया का बहुत बड़ा भाग जो पवन विमुख ( Leeward side ) पर स्थित है वहाँ बहुत कम वर्षा होती है। साधारणतः यदि वर्षा १० इंच से कम हो तो वह प्रदेश शुष्क ( Arid), माना जाता है और यदि वर्षा १० इंच से २० इंच तक हो तो अर्धशुष्क (Semi-Arid ) माना जाता है।