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आर्थिक भूगोल
बार्षिक भूगोल

जहाँ तक मंविष्य में खेती की वृद्धि का प्रश्न है पाकिस्तान में खेती की वृद्धि की अधिक सम्भावनों है। क्योंकि पाकिस्तान में २ करोड ३० लाख एकड़ जोती जा सकने वाली भूमि है । सम्पूर्ण भारत में जोती जा सकने वाली वंजर भूमि का क्षेत्रफन्न करोड ४० लाख एकड़ है । सिंचाई की दृष्टि से तो पाकिस्तान की स्थिति अच्छी है ही वह हम ऊपर ही कह पाये हैं। पाकिस्तान में सारे भारत की जोती जाने वाली भूमि की २० प्रतिशत है जबकि वहाँ कुल भूमि की लगभग ३२% प्रतिशत सींची जाने वाली भूमि है। उसे देखते वहाँ सिंचाई के साधन अधिक हैं। यद्यपि गेहूँ, चावल, जूट और कपास की दृष्टि से पाकिस्तान की स्थिति अच्छी है। परन्तु ज्वार बाजरा, और मक्का इत्यादि की दृष्टि से उसकी स्थिति अच्छी नहीं है और निर्धन जनता का यही मुख्य भोजन है । शक्कर भी पाकिस्तान में बहुत कम होती है और उसके लिए पाकिस्तान को भारत पर ही निर्भर रहना होगा। ..जहाँ तक कहवा और रबर का प्रश्न है पाकिस्तान उन्हें बिलकुल उत्पन्न नहीं करता। जो कुछ भी कहवा और रबर उत्पन्न होती है वह-- भारत के दक्षिणी भाग में ही उत्पन्न होती है । बंगाल में २०३१००० एकड़ भूमि पर चाय उत्पन्न होती है उसमें से केवल ७७०० एकड़ पाकिस्तान में आते हैं। हो आसाम के उस भाग में जो पाकिस्तान में सम्मिलित होगया हे कुछ चाय उत्पन्न होती है परन्तु फिर भी चाय की दृष्टि से पाकिस्तान निधन है। बिलूचिस्तान और सीमाप्रान्त में फन यथेष्ट उत्पन्न होते हैं। बात यह है कि यहाँ भूमध्य सागर से उठने वाली तूफानी हवाये जाड़ों में वर्षों करती हैं अस्तु यहाँ के कुछ प्रदेशों का जलवायु भूमध्य सागरी जलवायु के समान है जो फलों की पैदावार के लिए उपयुक्त है। सीमाप्रान्त में पेशावर के मैदानों में तथा बिलूचिस्तान में कलात, केटा, मस्तंग इत्यादि प्रसिद्ध स्थानों पर फलों के बहुत बाग हैं । यहाँ विशेष कर अँगूर, सेव, जैतून, नारंगी और छुहारे . उत्पन्न होते हैं। ऊपर के विवरण से. यह तो सष्ट हो जाता है कि जहाँ तक खेती के 'धंधे,का प्रश्न है पाकिस्तान की स्थिति अच्छी है। उद्योग-धंधों की दृष्टि से पाकिस्तान दिवालिया है। नीचे दी हुई तालिका से यह स्पष्ट हो जावेगा। हम नीचे लिखी हुई सालिका 'उद्योग-धंधे में हिन्दोस्तान और पाकिस्तान में भिन्न-मिन्न धंधों के कारखानों की संख्या देते हैं। .