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पाकिस्तान का आर्थिक भूगोल

. पाकिस्तान का पार्थिक भूगोल कृषि को दृष्टि से पाकिस्तान की स्थिति अच्छी है। भारत में कुल जोती जाने वाली भूमि का क्षेत्रफल २० करोड ६० लाख कृषि तथा पैदावर एकड़ है इसमें से ४ करोड़ १८ लाख एकड़ पाकिस्तान में है। इसका अर्थ यह हुआ कि कुल जोती जानें वाली भूमि की २० प्रतिशत भूमि पाकिस्तान में है जबकि पाकिस्तान की जनसंख्या कुल भारत की जनसंख्या की १५ प्रतिशत से कम है और पाकिस्तान का कुल क्षेत्रफल कुन भारत के क्षेत्रात का केवल १७ प्रतिशत है। क्षेत्रफल तथा संख्या को देखते हुए पाकिस्तान के पास जोती जाने वाली भूमि का अपेक्षाकृत अधिक माग पहुँच गया है। जहाँ तक मुख्य फसलों का प्रश्न है पाकिस्तान की स्थिति हिन्दोस्तान की तुलना में अच्छी है। भारत में जितनी भूमि पर चावल उत्पन्न होता है उसको २६०२७ भूमि पाकिस्तान में चली गई । पाकिस्तान में पूर्वीय पाकिस्तान में चावल अधिक होता है उसके अतिरिक्त पश्चिमीय पंजाब और सिंध में भी नहरों के प्रदेश में चावल उत्पन्न होता है। गेहूँ उत्पन्न करने वाली २५% प्रतिशत भूमि पाकिस्तान में चली गई है । पश्चिमीय- पंजाब के नहर प्रदेश तथा सक्खर बांध के द्वारा सींचे जाने वाले सिंध प्रान्त में मुख्यत: गेहूँ उत्पन्न होता है। पाकिस्तान में गन्ना उत्पन्न करने वाली भूमि, उसके क्षेत्रफल तथा जनसंख्या की तुलना में कम है। अर्थात वहीं केवल १५४१ प्रतिशत गन्ने को भूमि है और वह भी केवल पूर्वीय बंगाल में है । जहाँ तक तिलहन का प्रश्न है पाकिस्तान का हिस्सा उसके क्षेत्रफल तथा जनसंख्या को देखते कम है। जूट और कपास और कन को दृष्टि से पाकिस्तान को स्थिति अच्छी है। पाकिस्तान में कुल जूट की उत्पत्ति का लगभग ७२ प्रतिशत जूट उत्पन्न होता है। जहाँ तक कपास का प्रश्न है पाकिन्तान में कपास उत्पन्न करने वाली कुल भूमि की केवल १३ प्रतिशत भूमि है । परन्तु वहाँ को कपास की विशेषता यह है कि वहाँ लम्बे फूल वाली बढ़िया अमेरिकन जाति की कपास उत्पन्न होती है । जूट पूर्वीय पाकिस्तान में और कपास पश्चिमीय पंजाब तथा सिंध में उत्पन्न होती है। इस संबंध में यह बात ध्यान में रखने की है कि पाकिस्तान में एक भी जूट मिले नहीं है और सूती कपड़े की भी बहुत थोड़ी फैटरियां हैं। सीमाप्रान्त बलूचिस्तान, और पश्चिमीय पंजाब में भेड़ चराने का धंधा विशेष रूप से होता है इस कारण वहाँ अच्छा ऊन भी उत्पन्न होता है।